dausa mein 15 saal pahale rishvat lene ka maamala : haid kaanstebal ko 2 saal kee jel

जयपुर। भारत संचार निगम लिमिटेड, बूंदी में ठेकेदार से 6० हजार रुपए की रिश्वत लेते 22 फरवरी, 2०17 को रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी अफसरों के खिलाफ आखिरकार सीबीआई ने मंगलवार को अदालत में चालान पेश कर दिया। बाद में कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 12० बी एवं पीसी एक्ट-1988 की धारा 7 व 13/2 सहपठित धारा 13/1/डी में प्रसंज्ञान लेकर चार्ज बहस के लिए एवं आवाज परीक्षण की रिपोर्ट पेश करने के लिए 5 फरवरी की आगामी तारीख दी है।

ये है आरोपी
सीबीआई ने बीएसएनएल, बूंदी में तत्कालीन एजीएम मनोज कुमार त्रिपाठी निवासी बालनगिर-उड़ीसा हाल राजीव नगर कोटा, एसडीई रमेश प्रसाद पांडे निवासी श्रद्धा पुरम, रेवा-मध्य प्रदेश हाल पी एंड टी कॉलोनी, विज्ञान नगर-कोटा एवं तत्कालीन जूनियर टेलीकॉम अधिकारी प्रदीप मीणा निवासी गुरुनानक कॉलोनी-बूंदी के खिलाफ चालान चालान पेश किया। अभियुक्तों के खिलाफ राज सोल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश झाझड़िया एवं उसके कर्मचारी विजय कुमार ने 2० फरवरी, 2०17 को सीबीआई में शिकायत दी थी कि फर्म आॅफ केबल बिछाने का कार्य करती है। बूंदी में 4 माह पहले पूर्ण किये गये 12,5०,716 रुपए के कार्य की एम बी बुक सत्यापित नहीं कर कर रिश्वत मांग रहे है। बाद में सीबीआई ने प्रदीप को 2० हजार, रमेश को 16 हजार एवं मनोज को 24 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर पुरुषोत्तम ने निधारित 6० दिन में कोर्ट में चालान पेश नहीं किया। मनोज को 2 मई एवं प्रदीप व रमेश को अदालत से 5 मई को जमानत मिल गई थी।

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