Asaram Bapu rape case
Asaram Bapu rape case

जयपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार देते ही सेन्ट्रल जेल में बनी अस्थायी कोर्ट परिसर में आसाराम बापू सिर पर हाथ रखकर कोर्ट रुम में ही बैठ गए। जेल सूत्रों और मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक दोषी करार सुनाए जाने पर उनकी आंखें छलक पड़ी। वे राम नाम और हरिओम का जाप करने लगे। सेवादार प्रकाश आसाराम के हाथ को पकड़कर थामे हुआ था। फैसला सुनाए जाने से पहले भी आसाराम बापू जेल की बैरक में भगवान की पूजा अर्चना में लगे हुए थे। कोर्ट पहुंचने के दौरान भी वे राम नाम और हरिओम का जाप करते रहे।

हालांकि दोषी करार देने के बाद एक बारगी तो उन्हें धक्का सा लगा, लेकिन कुछ समय बाद वे फिर से जज के सामने हाथ जोड़कर खड़े रहे। गौरतलब है कि पीडिता ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में 19 अगस्त, 2013 को जीरो नम्बर की प्राथमिकी दर्ज करवाई की कि वह आसाराम बापू के गुरुकुल में पढ़ाई करती है और उसके माता-पिता बापू के भक्त है। हॉस्टल की वार्डन शिल्पी ने पीडिता पर भूत-प्रेत का साया बताते हुए उसके माता-पिता को इसका इलाज आसाराम बापू द्वारा करना बताया। आसाराम के सेवादार शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र और शिवा उर्फ सवाराम ने भी यहीं बात पीडिता के परिजनों से कही। यह भी कहा कि आसाराम पूरी रात अनुष्ठान करके छात्रा पर से भूत-प्रेत का साया हटाएंगे। शिवा पीडिता को शाहजहांपुर से दिल्ली और वहां से जोधपुर स्थित मणाई आश्रम लेकर गया, जहां भूत-प्रेत उतारने के नाम पर आसाराम बापू ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। बंधक बनाकर इन्हें धमकाया भी। वहां से प्राथमिकी जांच के लिए जोधपुर रैफर कर दी गई। पीडिता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के बाद जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इन्दौर से आसाराम बापू को अरेस्ट किया। इस मामले में शिल्पी, शिवा, शरदचन्द्र और एक अन्य प्रकाश को भी गिरफ्तार किया। मामले को लेकर पीडित पक्ष ने 58 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। गिरफ्तारी के बाद से ही आसाराम व प्रकाश जेल में है। शिवा, शिल्पी व शरदचन्द्र जमानत पर बाहर थे, लेकिन दोषी करार दिए जाने पर शिल्पी व शरदचन्द्र को जेल में रहना होगा। वहीं प्रकाश व शिवाराम को रिहाई मिली है।

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