जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बाजवूद रिटायर्ड जेल प्रहरी को समस्त पेंशन परिलाभ नहीं देने के मामले में एडीजी जेल को कहा है कि आदेश की पालना नहीं करने वाले अफसरों की जांच की जाए। इसके साथ ही अदालत ने तीस मई को पालना रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश ओमप्रकाश शर्मा की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान एडीजी जेल अदालती आदेश की पालना में पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया कि अधिकरण के आदेश की पालना में याचिकाकर्ता को आशिंक भुगतान किया गया है। इसके अलावा कुछ अन्य परिलाभ और दिए जाने हैं। एडीजी ने कहा कि जल्द ही याचिकाकर्ता को पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। इस पर अदालत ने आदेश की पालना में देरी करने वाले अफसरों की जांच के आदेश दिए हैं।
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता जेल प्रहरी के तौर पर तैनात था। वर्ष 2006 में उसे बर्खास्त किया गया। जबकि अपीलीय अधिकारी ने वर्ष 2008 में उसे बरी करते हुए पुन: नियुक्त करने को कहा। वहीं वर्ष 2013 में वह सेवानिवृत्त हो गया। याचिका में कहा गया कि दो साल के परिलाभ और संशोधित वेतनमान नहीं देने पर मामला सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण पहुंचा। जहां 16 दिसंबर 2015 को अधिकरण ने नौ फीसदी ब्याज के साथ बकाया भुगतान के आदेश दिए। इस आदेश की पालना नहीं होने पर अधिकरण ने अवमानना की कार्रवाई शुरू कर प्रकरण को हाईकोर्ट भेज दिया।