नई दिल्ली. कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश के मंत्री के विवादित बयान पर दर्ज एफआईआर की भाषा पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने गुरुवार को मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर को सिर्फ खाना पूर्ति बताया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब इस पुलिस जांच की निगरानी कोर्ट करेगी। जांच किसी दबाव में प्रभावित ना हो इसलिए ऐसा करना जरूरी है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। आप किस तरह के बयान दे रहे हैं? ⁠देखना चाहिए कि कैसे हालात हैं? ⁠आप जिम्मेदार पद पर हैं, जिम्मेदारी निभानी चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार- महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश पर बुधवार शाम 7:55 बजे इंदौर के मानपुर थाने में विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। जांच पुलिस कर रही है। हाईकोर्ट- जस्टिस अतुल श्रीधरन ने कहा कि यह किसी हत्या की जांच नहीं है, बल्कि एक आपत्तिजनक भाषण से जुड़ा मामला है। ऐसे में इसमें लंबी जांच की आवश्यकता नहीं है। मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दिया था। उन्हें आतंकियों की बहन बताया था। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को खुद यह केस उठाया। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने डीजीपी को मंत्री शाह पर एफआईआर के निर्देश दिए थे। भारत की एकता अखंडता को खतरे में डालने का अपराध दर्ज करें। अगर एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो डीजीपी पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई होगी। मंत्री विजय शाह का बयान सांप्रदायिकता को बढ़ाने वाला है। हाईकोर्ट ने कहा था कि मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 के तहत अपराध बनता है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को अपराध घोषित करता है। BNS की धारा 192 के तहत भी प्रथम दृष्टया अपराध बनता है, जो धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा या जाति के आधार पर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने से संबंधित है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम धर्म को मानने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहकर अपमानित करना इन्ही धाराओं के तहत आपराधिक कृत्य है। मंत्री विजय शाह रविवार को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में कहा था, ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर बदला ले सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन और अन्य जानकारियां दे रहे थे। विजय शाह ने बुधवार को वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, ‘मैं शर्मिंदा हूं, दुखी दिल से माफी चाहता हूं। मेरे भाषण में मेरी मंशा थी कि समाज के बीच सेना और सोफिया बहन के कामों को ठीक से रखूं, लेकिन दुखी और विचलित मन से कुछ ऐसे शब्द जुबान से निकल गए, जिसके कारण मैं अब शर्मिंदा हूं। पूरे समाज और समुदाय से मैं इस बात के लिए हाथ जोड़कर माफी चाहता हूं। मंत्री विजय शाह पर भले ही एफआईआर दर्ज कर ली गई है, लेकिन वे अभी इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। बुधवार को बेंगलुरु से लौटने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सीएम हाउस में बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ बैठक हुई। बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है कि फिलहाल मंत्री विजय शाह इस्तीफा नहीं देंगे। सूत्रों के मुताबिक विजय शाह ने कोर्ट में अपना पक्ष रखने का मौका देने की मांग पार्टी से की है। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि मंत्री विजय शाह अपने बयान के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा सकते हैं। मंत्री विजय शाह के बयान पर हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान और एफआईआर के निर्देश देने के बाद कांग्रेस ने विजय शाह पर केस दर्ज करने की मांग की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा है कि विजय शाह को भाजपा से भी तत्काल प्रभाव से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।

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