नई दिल्ली। भोपाल केंद्रीय जेल से 30 और 31 अक्टूबर की दरम्यानी रात स्टुडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकवादियों के भागने और बाद में पुलिस मुठभेड में उनकी मौत की घटना की न्यायिक जांच कराने का मध्यप्रदेश सरकार ने आदेश दे दिया है। इस घटना के मामले में गुरुवार को दो ऑडियो टेप सामने आए। कथिततौर पर ऑडियो में मुठभेड़ में शामिल पुलिसकमिज़्यों की बातें सुनाई दे रही हैं, जिसमें एक कह रहा है कि घेर के कर दो पूरा काम तमाम। उस टेप में एक व्यक्ति यह कहते हुए सुना जा सकता है कि दूसरी ओर से फायरिंग शुरू हो गई है। वह पुलिसवालों को पोजिशन लेने को कहता है। उन लोगों को घटनास्थल पर पहुंच कर पुलिस टीम से संवाद के लिए वायरलेस सेट का कम इस्तेमाल करने और मोबाइल फोन का प्रयोग करने को कहा गया है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, इस मामले की जांच कर रहे एसपी (सीआईडी) अनुराग शमाज़् से पूछा गया तो उन्होंने ऑडियो टेप की प्रमाणिकता पर कोई सवाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह अपनी जांच में सभी चीजों को शामिल करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्होंने टेप सुना नहीं है। 9 मिनट की ऑडियो टेप के सबसे अंत में सुना गया- पटेल साहब निपटा दो। एक जगह सुना गया- उनको जल्दी निपटा दो। क्योंकि एक वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचने वाला था। ऑडियो में मुठभेड़ के दौरान आतंकियों के मारे जाने पर जश्न मनाने और एक दूसरे को बधाई देने की आवाजें सुनाई देती हैं। ऑडियो टेप में मुठभेड़ के दौरान कंट्रोल रूम और ऑपरेशन में शामिल जवानों के बीच बातचीत भी है। बातचीत का अंश इस प्रकार है- उन सभी को चारों ओर से घेर लो। वे जिंदा नहीं बचने चाहिए। कॉन्ग्रैट्स आन्थो मार गए डीएसपी क्राइम ने बताया…बहुत अच्छा…बीच में पड़े हैं। माइक 1 और सिग्मा (कोड नेम) के बीच बातचीत भी उस ऑडियो में है। जिसमें दोनों के बीच बातचीत के अंश ऐसे हैं- आगे बढ़ो, बिल्कुल नहीं पीछे हटना है। और जितने चार्ली हैं उनको भी बताओ, घेर के कर दो पूरा काम तमाम। एक को कहते सुना गया कि आए हैं सर, 5 को गोली लग गई है, चलो शाबाश, कोई दिक्कत नहीं है, हम लोग पहुंच रहे हैं। एक व्यक्ति को एंबुलेंस की मांग करते सुना गया। उसने कहा कि दो से तीन एंबुलेंस खेजरावाड़ी भेजो। इलाज में कितना पैसा खर्चा होगा। एक जगह सुना गया- कोई जिंदा रहना चाहिए।सर को बताओ, आंथो मारे गए। एनकाउंटर सफल हो गया। ओवर। अभी मीडिया भी नहीं पहुंची होगी, मीडिया में भी दम नहीं है।गौरतलब है कि भोपाल केंद्रीय जेल से 30 और 31 अक्टूबर की दरम्यानी रात सिमी के आठ आतंकवादी भाग गए थे, जिनको बाद में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।

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