चंडीगढ़। हरियाणा जिले के कैथल में 14 वर्षीय एक रेप पीडि़ता के साथ पुलिस की ऐसी अमानवीय घटना सामने आई है। जिसके बारे में सुनकर हर कोई एक बारगी तो सकते में आ सकता है। इस मामले में पीडि़ता ने न्याय की गुहार को लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में गुहार लगाई है। पीडि़ता ने कोर्ट के समक्ष गुहार लगाई कि जांच के नाम पर कैथल में पुलिस ने उसके कपड़े उतरवाए। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि महिला पुलिसकर्मी की जगह पुरुष पुलिस ने यह कहा कि वह शर्ट के बटन खोलकर दिखाए कि उसका रेप हुआ है। इसके बाद उसने अपने हाथ मेरी जांघों पर रख दिए। जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी ने उसके पैर हाथ में ले लिए और किसी से कुछ नहीं कहने की बात कही। उसे धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो उसकी मेडिकल जांच नहीं कराई जाएगी। इसके बाद उसे महिला थाने ले जाया गया। कोर्ट के समक्ष यह मामला आया तो कोर्ट ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए हरियाणा के डीजीपी को नोटिस जारी कर दिया। साथ ही डीजीपी को 5 जुलाई को सुनवाई से पहले जवाब-तलब कर लिया। बता दें पीडि़ता ने 20 नवंबर 2016 को रेप का मामला दर्ज कराया था। पीडि़ता ने रिपोर्ट में बताया कि वह आरोपी को भली भांति जानती है। पीडि़ता के बयान कैथल में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज करवाए गए। इस दौरान पीडि़ता ने रेप के साथ-साथ पुलिसकर्मियों के द्वारा किए गए अमानवीय बर्ताव की बात भी कही। पीडि़ता की याचिका के अनुसार 23 नवंबर को उसे पुलिसकर्मी रेपिस्ट के साथ कैथल के क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी कार्यालय ले गए। यहां पुलिस वालों ने उसके साथ जो किया वो रेप से भी कहीं ज्यादा अपमान भरा था। पीडि़ता ने आरोपों से घिरे पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी, पॉस्को एक्ट की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।


































