जयपुर। 22 साल पहले 1996 बैच के आईएएस अधिकारी की कैडर आवंटन को चुनौती देने वाली याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने खारिज कर दिया है।
इस संबंध में प्रतिनियुक्ति पर लगे हुए आतंरिक सुरक्षा मामलों के संयुक्त सचिव और नागालैंड केडर के आईएएस वी. शशांक शेखर ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि मैरिट में उसकी 17 वीं रैक आई थी। जबकि अजिताभ शर्मा की 18 वीं रैक थी।
राजस्थान में स्थानीय कोटे के तहत एक सीट ओबीसी और एक सीट सामान्य के लिए थी। ऐसे में ओबीसी कोटे पर अजिताभ शर्मा और सामान्य सीट आईएएस आलोक को आवंटित की गई। अजिताभ ओबीसी कोटे से हैं, लेकिन उन्होंने ओबीसी का लाभ नहीं लिया। इसलिये उनका ओबीसी कोटा नहीं माना जा सकता। उच्च मेरिट में होने के कारण उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए। केन्द्र का कहना था कि कोई अधिकारी अधिकार के तौर पर कैडर की मांग नहीं कर सकता। उसकी याचिका को केन्द्गीय प्रशासनिक अधिकरण भी खारिज कर चुका है। कैडर से छेडछाड की गई तो देशभर के अधिकारी प्रभावित होंगे।