जयपुर।रेयर डिजिज डे पर लाइलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित दिव्यांग बच्चों से पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती वसुन्धरा राजे मिलकर भावुक हो उठी।सरकार से सहारे की माँग करने वाले मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक विशेष जानलेवा बीमारी से ग्रसित ये वे बच्चे हैं जिनकी सहायता के लिए राज्य सरकार के पास कोई दिशा निर्देश नहीं है।बजट 2022 से पूर्व इनके अभिभावकों ने इनकी सहायता के लिए माँग भी की पर हुआ कुछ नहीं।
सोमवार को सुबह 11 बजे ये बच्चे अपने अभिभावको के साथ पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राजे के सरकारी निवास 13 सिविल लाइंस पर आये।ज्योहिं श्रीमती राजे को पता चला,वे इन दिव्यांग बच्चों से मिलने आ पहुँची।वे हर बच्चे से मिली।मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण वे अपनी वेदना पूर्व सीएम को नहीं बता सकते थे,इसलिए उनका दर्द उनके माता-पिता ने ही बयां किया या उनके हाथों में जो पम्पलेट थे उन्होंने, जिन पर लिखा था हम भी राजस्थानी है।हम भी सम्मान पूर्वक जीना चाहते हैं।उनकी पीड़ा सुन राजे भी भावुक हो गई।एक बच्चा पीयूष रोने लगा तो पूर्व सीएम ने उसे उसकी व्हील चेयर पर घुमाया और उसे लाड़ किया।इसके बाद उन्होंने इस विषय में आयुक्त विशेष योग्य जन गजानंद शर्मा और आरयूएचएस के वीसी डॉ.सुधीर भंडारी से बात की।राजे ने बच्चों के अभिभावको को मदद करने का भरोसा दिलाया।
यहाँ उल्लेखनीय है कि यह लाईलाज रोग वंशानुगत है,जिसमें धीरे-धीरे बच्चे की सारी माँसपेशियाँ सिकुड़ने लगती है और वह कम उम्र में ही बेहद कमजोर होता चला जाता है।एक तरह से वह पराधीन हो जाता है।अभिभावकों की माँग है कि उनकी देख भाल व इलाज के लिये राज्य सरकार की ओर से प्रति माह 15 हज़ार रुपए दिए जायें।आंध्र प्रदेश राज्य में तो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित कई अन्य गम्भीर बीमारियों के लिए मासिक सहायता का प्रावधान है पर राजस्थान में नहीं।

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