जयपुर. पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर उत्तर से बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी आज निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। देवनानी को स्पीकर चुनने के लिए विधानसभा में विरोधी माने जाने वाले नेता भी एक-दूसरे के प्रस्ताव का समर्थन करते दिखे। शाम 4:31 बजे विधानसभा की कार्यवाही 19 जनवरी तक स्थगित कर दी गई। देवनानी को स्पीकर चुनने के लिए सबसे पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रस्ताव रखा। इसके बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और रालोपा विधायक हनुमान बेनीवाल ने प्रस्ताव रखा। राजस्थान विधानसभा में स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से करवाने की परंपरा रही है। स्पीकर पद पर चुनाव के लिए नामांकन भरा जाता है, लेकिन विपक्ष में कोई नामांकन दाखिल नहीं करता। इसलिए सर्वसम्मति से बिना वोटिंग स्पीकर चुने जाते रहे हैं। इस बार भी उसी परंपरा को निभाया गया। विधानसभा अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वासुदेव देवनानी ने कहा मैं एक शिक्षक रहा हूं। शिक्षक जब कॉपी जांचता है तो यह नहीं देखता कि किस विद्यार्थी की कॉपी है। उसमें क्या लिखा है, उसके आधार पर मार्किंग करता है। निष्पक्षता का भाव टीचर के स्वभाव में रहता है। चाहे किसी दल के विधायक हो। पद की गरिमा बनाए रखने का आश्वासन देता हूं। देवनानी ने कहा नए विधायक अध्ययन की आदत डालें। नियम प्रक्रियाओं को पढ़ें। इसके साथ ही सदन में कार्यवाही में सक्रिय हिस्सा लें। सदन को अधिक दिन चलाने का प्रयास किया जाएगा। सदन में सार्थक बहस हो इसके प्रयास किए जाएंगे। हम सबको सदन के नियमों-परंपराओं का पालन करना होगा।
– सीएम बोले देवनानी के नेतृत्व में सदन सबका साथ सबका विकास को मूर्त रूप देगा
सीएम ने कहा- विधानसभा की गौरवशाली परंपरा रही है, अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से हुआ है। मुझे उम्मीद है कि वासुदेव देवनानी के अध्यक्ष बनने से विधानसभा के गरिमामयी इतिहास को चार चांद लगेंगे। दीर्धकालीन संसदीय जीवन रहा है। एबीवीपी से लेकर अब तक आपका चिंतन राजस्थान के विकास पर केंद्रित रहा है। देवनानी के नेतृत्व में सदन सबका साथ, सबका विकास,सबका विश्वास की अवधारणाा को मूर्त रूप देगा। हमारे लिए गौरव की बात है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों का संचालन इसी विधानसभा के सदस्य रहे ओम बिरला और जगदीप धनखड़ कर रहे हैं। दोनों गौरवशाली संसदीय परंपराओं का निर्वहन कर रहे हैं।
– पायलट बोले देवनानी अब दलगत राजनीति से ऊपर उठ गए हैं
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा- हमेशा सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चुनाव करने की परंपरा रही है। इस बार जिस गर्म माहौल में विधानसभा चुनाव हुए थे, उसके बाद जब स्पीकर के चुनाव की बात आई तो हम लोगों में से कुछ ने सोचा कि इस बार स्पीकर का चुनाव होगा। फिर जब वासुदेव देवनानी का नाम सामने आया तो हम सबने मन बनाया कि जब देवनानी बनेंगे तो चुनाव सर्वसम्मति से होगा। क्योंकि आप सदन में एक्टिव सदस्य रहे, पक्ष-विपक्ष में रहते कई बार सदन में बात को रखा। यह बात सही है कि सदन की जो परिपाटी बनी हुई है, उसके हिसाब से आपका हर निर्णय न्यायपूर्ण होगा। पायलट ने देवनानी को संबोधित करते हुए कहा सदन में आप अब दलगत राजनीति से ऊपर उठ चुके हैं। इस बड़े पद पर बैठकर आप इसे और गौरवशाली बनाएंगे। आने वाले समय में जो संवाद चर्चा होगी, उससे हम लोग जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाएंगे। इसमें आपकी भूमिका बहुत अहम रहेगी। आप जब विपक्ष में थे तो बहुत जुझारू सदस्य थे, आप समझ सकते हैं किस जज्बे के साथ मैं बोल रहा हूं, तो आप उसका पूरा ध्यान रखेंगे।
– डोटासरा बोले हमने तो सोचा देवनानी अंडमान निकोबार के राज्यपाल बनेंगे
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने देवनानी से कहा- आपका सबको साथ लेकर चलने वाला स्वभाव रहा है। हमने देखा है, जब आप शिक्षा मंत्री थे तो आपके पास जो भी जाता था आप सबको सम्मान देते थे। पहले तो हम सोच रहे थे क्योंकि आपके दल में तय कर रखा था, इस उम्र से ऊपर यह नहीं हो सकता, हमने सोच लिया था कि आप अंडमान निकोबार के राज्यपाल बनेंगे, लेकिन हमारा सौभाग्य है आप विधानसभा स्पीकर बन गए। डोटासरा ने कहा आपके ऊपर चाहे कोई दबाव दे, वो दबाव चाहे दिल्ली से आए या किसी भवन से आए आप निष्पक्ष रहेंगे। पूरा विपक्ष आपसे उम्मीद करता है। आप अब तो संन्यास आश्रम की तरफ बढ़ रहे हैं। जब संन्यास आश्रम की तरफ व्यक्ति बढ़ता है तो तेरा-मेरा छोड़कर सब को एक समान मानता है।
– वसुंधरा बोलीं पक्ष-विपक्ष में संतुलन बनाकर अच्छा सदन चलाएंगे देवनानी
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा- वासुदेव देवनानी लगातार पांच बार जीत कर आए हैं। आप हम सबको सदन में बात रखने का मौका देंगे। भाजपा और सरकार में आपने बहुत अच्छे और बड़े पद कई बार संभाले हैं। शिक्षा, ग्रामीण विकास मंत्री जैसे अहम विभाग आपने मंत्री रहते संभाले हैं। आप जैसे एक अनुभवी और अच्छे इंसान को इस सदन में सर्वोच्च पद पर आसीन होने का अवसर मिला है। यह सदन एक तराजू की तरह है, इसके दोनों पलड़े बराबर होते हैं, एक तरफ पक्ष है, दूसरी तरफ विपक्ष है। मुझे पूरा विश्वास है आप बहुत अच्छी तरह से संतुलन बनाकर सदन संचालित करेंगे। वासुदेव देवनानी ने 20 दिसंबर को स्पीकर के चुनाव के लिए नामांकन भरा था। देवनानी ने पांच नामांकन भरे, जिन्हें विपक्ष के वरिष्ठ विधायकों ने समर्थन दिया। विपक्ष के विधायक देवनानी के प्रस्तावक और समर्थक बने थे।

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