
जयपुर. राजस्थान की भजनलाल सरकार ने विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के नियमों में भी संशोधन किया है। इसके बाद विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के तहत 300 स्टूडेंट्स को विदेश में और 200 स्टूडेंट्स को देश (भारत) के ही नामी संस्थानों में पढ़ने भेजा जाएगा। उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम बैरवा ने कोटा ओपन यूनिवर्सिटी में बताया- विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना का रिव्यू करने के बाद सरकार ने इसमें आंशिक संशोधन करने का फैसला किया है। इसके तहत अब 300 स्टूडेंट्स को ही विदेश में पढ़ने भेजा जाएगा, जबकि 200 स्टूडेंट्स को देश के ही नामी संस्थान में पढ़ाया जाएगा। बैरवा ने कहा भारत के शैक्षणिक संस्थान दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। यहां की टेक्निकल और हायर एजुकेशन सर्वश्रेष्ठ है। इसलिए सरकार ने इस योजना में संशोधन करने का फैसला किया है। बैरवा ने कहा पिछले कुछ दिनों से विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना को बंद करने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन सरकार इस योजना को बंद नहीं करने जा रही है। बल्कि, हम इस स्कॉलरशिप योजना को और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि गांव और ढाणी में रहने वाले जरूरतमंद स्टूडेंट्स भी अच्छी और बेहतर एजुकेशन फ्री में हासिल कर सकें। इस दौरान उन्होंने रैंकिंग नियम में संशोधन को लेकर अभिभावकों द्वारा किए जा रहे विरोध पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर किसी अभिभावक द्वारा तथ्यों के साथ मुझ तक इस तरह की शिकायत पहुंचाई जाएगी। इस पर भी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कॉलेजों के लिए दो तरह के रैंकिंग मानक हैं। इसमें क्यूएस और द (टाइम्स हायर एजुकेशन) है। पिछले दिनों पैरंट्स ने आरोप लगाया था कि अफसरों ने अपने बच्चों को एडजस्ट करने के लिए योजना के नियम ही बदल दिए हैं। ताकि अफसरों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिल सके। शिकायतकर्ता रोमेश गुप्ता ने आरोप लगाया था कि गरीब बच्चों का हक मारने के लिए रैंकिंग में भी बदलाव किया गया है। रोमेश ने कहा योजना में अफसरों के बच्चों को एडजस्ट करने के लिए क्यूएस की जगह टाइम्स हायर एजुकेशन इस THE रैंकिंग में भी फेरबदल कर दिया गया। बहुत से छात्रों ने क्यूएस रैंकिंग के हिसाब से विदेश में पढ़ाई के लिए वहां की यूनिवर्सिटी में जनवरी में ही आवेदन कर दिए थे, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने मई 2024 में अचानक क्यूएस की जगह द रैंकिंग लागू कर दी। ऐसे में छात्रों ने क्यूएस रैंकिंग के हिसाब से जिन यूनिवर्सिटी में आवेदन किया था, उनमें से कई तो THE रैंकिंग की टॉप 150 में शामिल ही नहीं हैं। योजना की नई गाइडलाइन के अनुसार स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने के लिए THE रैंकिंग के मुताबिक दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त करना होगा।