नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सतर्कता नियमावली (विजिलेंस मैनुअल 2017) जारी की है जिसमें धोखाधड़ी पर लगाम के लिए बैंकों को अपने कर्मचारियों के बारे में भी पूरी पड़ताल करने के लिए कहा है। साथ ही सी.वी.सी. ने बैंकों से अपने ग्राहक को जानिए (के.वाई.सी.) के साथ अपने कर्मचारी को जानिए (के.वाई.ई.) पर भी जोर देने को कहा है। इसमें कहा गया है कि कई तरह के धोखाधड़ी के मामलों में बैंक के अंदर के लोग शामिल रहते हैं या उन्हें अंदर के लोगों की मदद से अंजाम दिया जाता है। बैंकों को अपने कर्मचारियों की निगरानी के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। सी.वी.सी. ने कहा कि कर्मचारियों के पिछले जीवन के बारे में पता लगाना, निश्चित अवधि में उन्हें एक स्थान से दूसरी जगह भेजना, सतर्कता आकलन, आंतरिक आडिट आदि के जरिये बैंक अपने कर्मचारियों के बारे में प्रभावी तरीके से जान सकते हैं।

आयोग ने बैंकों को के.वाई.सी. के अलावा के.वाई.ई. और के.वाई.पी. ‘अपने भागीदार के बारे में जानिए’ पर भी विशेष ध्यान देने को कहा है। आयोग का कहना है कि आज के समय में बैंकिंग कामकाज में भागीदारों, एजेंट्स और वेंडर्स के साथ मिलकर काम करने की जरूरत होती है। इसके अलावा बैंकिंग कामकाज की आउटसोॢसंग भी होती है। कई ऐसी परिचालन गतिविधियां हैं जिनमें बाहरी एजेंसी के कर्मचारियों की नियुक्ति करनी पड़ती है और उनपर विश्वास करना पड़ता है। यदि बैंकों में धोखाधड़ी रोकनी है तो अपने भागीदारी की छानबीन की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने विजिलेंस मैनुअल, 2017 यहां जारी किया। इसमें कहा गया है कि बैंकों को अन्य पेशेवरों मसलन चार्टर्ड अकाउंटेंट, मूल्यांककों और वकीलों की भी पुख्ता तरीके से पड़ताल करनी चाहिए। ये सभी लोग ऋण की मंजूरी और आवंटन की प्रक्रिया से जुड़े होते हैं।

 

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