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नई दिल्ली। केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने वर्ष 2017 में शीर्ष 100 बैंक धोखाधडि़यों की समीक्षा की और इसके साथ ही इन सभी का व्‍यापक विश्‍लेषण भी किया। डॉ. टी. एम. भसीन, सतर्कता आयुक्‍त, सीवीसी ने इससे संबंधित विस्‍तृत जानकारियों को साझा करते हुए यह जानकारी दी कि आयोग ने इस अध्‍ययन को 13 क्षेत्रों ( सेक्‍टर) में उप-विभाजित किया है। इन 13 सेक्‍टरों में रत्‍न एवं जेवरात, विनिर्माण, कृषि क्षेत्र, मीडिया, उड्डयन, सेवा क्षेत्र, चेक एवं बिल डिस्‍काउंटिंग, व्‍यापार क्षेत्र, आईटी, निर्यात, सावधि जमा और डिमांड लोन, इत्‍यादि शामिल हैं। डॉ. भसीन ने कहा कि एक सचेत निर्णय के साथ-साथ पृथकता या भिन्‍नता को बनाए रखने के उद्देश्‍य से ऋण लेने वालों के खातों/निकायों और बैंकों के नामों का खुलासा इस रिपोर्ट में नहीं किया गया है। हालांकि, सभी सम्मिलित कार्यों जैसे कि प्रमुख खोजी एजेंसियों द्वारा जांच-पड़ताल करवाने, संबंधित कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने और ऋण वसूली के कदम उठाने के लिए आवश्‍यक कदम उठाए जा रहे हैं।

डॉ. भसीन ने कहा कि इन ऋणों की वसूली के तरीकों का व्‍यापक विश्‍लेषण किया गया है और विभिन्‍न खामियों का पता लगाया गया है। निष्‍कर्षों के आधार पर प्रणाली में सुधार के लिए विभिन्‍न उद्योग विशिष्‍ट सुझाव अंतिम रिपोर्ट में प्रस्‍तुत किए गए हैं। यह अंतिम रिपोर्ट वित्तीय सेवाओं के विभाग (डीएफएस) और आरबीआई को भेज दी गई है, ताकि आयोग द्वारा पता लगाई गई खामियों को दूर किया जा सके। सुझाए गए उपायों में निगरानी प्रणाली को मजबूत करना और नियंत्रणकारी कार्यालयों की भूमिका पर प्रकाश डालना इत्‍यादि शामिल हैं, ताकि कारोबार की गुणवत्ता के पहलुओं पर गौर किया जा सके। डॉ. भसीन ने कहा कि आयोग द्वारा एक निवारक सतर्कता उपाय के रूप में यह विश्लेषणात्मक अध्‍ययन कराया गया है, ताकि भविष्‍य में इस तरह की धोखाधडि़यां करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाई जा सके। सीवीसी की ओर से किए गए शीर्ष 100 बैंक धोखाधडि़यों के विश्‍लेषण की प्रति तैयार सामग्री के रूप में सीवीसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है

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