अजमेर। देश के प्राचीनतम किलों में से एक तारागढ़ दुर्ग तक पहुंचना जल्द ही आसान होने वाला है। सालों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे इस किले पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने रोपवे निर्माण की योजना बनाई है। जिला कलक्टर गौरव गोयल ने रोपवे शुरू करने के लिए भौगोलिक स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है। पुष्कर में सावित्री पहाड़ी पर रोपवे संचालित करने वाली दामोदर एंड कम्पनी को ही तारागढ़ में भी रोपवे की रिपोर्ट का कार्य सौंपा है। चौहान वंश शासकों के वैभव और गौरवशाली इतिहास का साक्षी रहे तारागढ़ किले से न केवल शहर का विहंगम दृश्य निहारा जा सकता है बल्कि अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के बीच सूर्यास्त का मनोरम दृश्य गहरी घाटियों, आनासागर झील, सर्पीली सड़कें और मुस्कुराती हुई आकृति वाली हैप्पी वैली जैसे अद्भुत नजारों को देखा जा सकता है। बारिश के दिनों में तो यहां छायी हरीतिमा हर किसी को अपनी और खींचती है। रोपवे बनने के बाद तारागढ़ स्थित हजरत मीरां साहब की दरगाह में हाजिरी देने के लिए आने वाले बुजुर्ग जायरीन को भी सहूलियत मिल सकेगी।

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