निठारी रेप-मर्डर केस: मोनिदर सिंह पंथेर और सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा सुनाई
गाजियाबाद। देश के बहुचर्चित निठारी कांड के आठवें मामले में अभियुक्त मोनिदर सिंह पंथेर और उनके नौकर सुरेन्द्र कोली को गाजियाबाद की सीबीआई मामलात की विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। यह दूसरा मामला है, जिसमें मोनिंदर को फांसी की सजा दी गई, जबकि सुरेन्द्र कोली को सभी आठों प्रकरणों में फांसी दी गई है। हालांकि मोनिदर सिंह की फांसी की सजा को हाईकोर्ट उम्रकैद में तब्दील कर चुकी है। फांसी की सजा सुनाए जाने पर पंथेर और कोली कोर्ट रुम और बाहर रोने लगे। मोनिदर सिंह पंथेर व्यवसायी है और सुरेन्द्र कोली उसका घरेलू नौकर। दोनों पर आरोप है कि पंथेर की नोएडा के निठारी में स्थित कोठी नम्बर पांच को अय्याशी का अड्डा बना रखा था। यहां कॉलगर्ल से मस्ती आम थी, वहीं महिलाओं का अपहरण करके रेप करने और फिर उनका मर्डर करने की वारदातें इस कोठी में की। बच्चों के साथ कुकर्म के बाद हत्या भी की गई। आरोप है कि इन दोनों ने सोलह लोगों के कत्ल किए। इनमें से आठ कत्लों में आरोप साबित हो चुके हैं।

– इस मामले में दोनों को मिली है फांसी
सीबीआई कोर्ट ने बंगाली महिला के रेप और मर्डर में पंथेर और सुरेन्द्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा के मुताबिक मौत का शिकार महिला घरों में घरेलू काम करती थी। पांच अक्टूबर, 2006 को वह पंथेर की कोठी नम्बर पांच में गई थी, लेकिन वहां उसकी रेप के बाद हत्या कर दी गई और लाश को ठिकाने लगा दिया गया। परिजनों की शिकायत और निठारी में एक के बाद एक कई लोगों की गुमशुदगी व लाशें मिलने के बाद मामला सीबीआई जांच को दिया गया। सीबीआई ने पडताल करके पंथेर और सुरेन्द्र कोली को धरा। पूछताछ में उन्होंने महिला की हत्या व रेप करना कबूला, साथ ही दूसरी वारदातों को अंजाम देना भी कबूला। उनके घरों से मानव शरीर की हड्डियां व दूसरे अंग भी मिले।

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