नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शिमला में एक स्कूली बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के सनसनीखेज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। इस जघन्य अपराध के विरोध में हिमाचल प्रदेश में विभिन्न जगहों पर जन-प्रदर्शन भी हुए। सीबीआई ने कहा कि नाबालिग पीडि़ता के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 19 जुलाई को दिए गए आदेश पर दो मामले दर्ज किए गए हैं। दूसरा मामला एक आरोपी की हिरासत में हुई मौत के मामले में दर्ज किया गया है। सीबीआई ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 19 जुलाई को दिए गए आदेश पर सीबीआई ने शिमला में एक नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। सीबीआई ने कहा है कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की गई है, जो घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है। उच्च न्यायालय ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर दी थी। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए कहा था। शिमला में चार जुलाई को स्कूल से घर लौट रही 16 वर्षीय पिडि़ता को आरोपी ने अपने वाहन में घर छोडऩे के लिए कहा, जिसके बाद उसे अगवा कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और हत्या कर दी गई। पुलिस को दो दिन बाद कोटखाई के हलैला वन क्षेत्र में पिडि़ता का शव मिला। अंत्य परीक्षण में पीड़िता के शरीर पर चोट के निशान बताए गए। पुलिस ने मामले में अब तक छह लोगों को गिर तार किया है। गिर तार आरोपियों में पिडि़ता को वाहन में लि ट देने की बात कहने वाला रजिंदर सिंह, आशीष चौहान, सुभाष बिष्ट, दीपक कुमार, सूरत सिंह और लोकजन शामिल हैं। हालांकि मामले ने तब अलग ही मोड़ ले लिया, जब आरोपी रजिंदर सिंह ने पुलिस हिरासत के दौरान 19 जुलाई को एक अन्य आरोपी सूरत सिंह की हत्या कर दी। पिडि़ता के परिवार वालों का आरोप है कि मु य आरोपियों को रसूखदार होने के चलते छोड़ दिया गया है।

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