नई दिल्ली। बिहार के सीएम व जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भले ही सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा का दामन थाम लिया हो। लेकिन उनकी राह अभी सहज होती नजर नहीं आ रही है। इसके पीछे कारण जो उभरकर सामने आया वो यह कि जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने इस गठबंधन को गलत करार दिया है। साथ ही उन्होंने इस मामले में दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है।

उनकी यह मुलाकात भी लंबी रहे। इसके बाद शरद यादव ने अपने घर पर एक बैठक भी बुलाई है। इस बैठक में भाजपा के साथ सरकार बनाने का विरोध करने वाले नेता अली अनवर व वीरेन्द्र कुमार को बुलाया गया है। जिससे अब सियासी गलियारों में खासी खलबली मच गई है। ऐसे में भाजपा-जदयू के हुए ताजा गठबंधन को बिखरने से पहले ही थामने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली के अपने वर्षों पुराने मित्र शरद यादव से मिलने की बात सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि बिहार गठबंधन के मामले में इन दोनों ही नेताओं के बीच बात हो सकती है। सूत्रों के अनुसार शरद यादव ने कहा कि महागठबंधन को तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाने का फैसला नीतीश ने जल्दबाजी में लिया है। इससे बिहार की जनता में गलत संदेश जाएगा।

-अली अनवर ने जताया था विरोध
बुधवार की सुबह ही जदयू से राज्यसभा में सदस्य अली अनवर ने नीतीश द्वारा भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने के मामले में अपना विरोध जताया था। उन्होंने कहा था कि इस मामले में पार्टी फोरम में आवाज उठाई जाएगी, मेरी अंतरात्मा इस बात की गवाही नहीं देती। मौका मिला तो इस बात को पूरजोर तरीके से उठाया जाएगा।

LEAVE A REPLY