Padmavat

नयी दिल्ली : संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कांग्रेस और माकपा ने कहा कि आदेश का कार्यान्वयन एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना केंद्र और राज्य सरकरों पर निर्भर करता है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि देश के शीर्ष न्यायालय का फैसला अंतिम और बाध्यकारी है। उन्होंने कहा कि अब यह केंद्र एवं राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह शांति, सद्भाव और कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए विभिन्न समुदायों की चिंताओं पर ध्यान दे।

सूरजेवाला ने कहा, ‘‘कांग्रेस का मानना है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का कार्यान्वयन करने तथा विभिन्न समुदायों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए शांति, सद्भाव और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकारों की है।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि भाजपा सरकार को समझना चाहिए कि विवाद का एक हिस्सा उसके विरोधाभासी रूखों के कारण शुरू हुआ। एक रूख ‘‘भाजपा द्वारा नियंत्रित’’ केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड का है और दूसरा संबंधित प्रदेश इकाइयों का। माकपा नेता वृंदा कारत ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने यह बिल्कुल साफ कर दिया कि सेंसर बोर्ड द्वारा लगाया गया कोई भी प्रतिबंध पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’ गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आज विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ को 25 जनवरी को देश भर में रिलीज की मंजूरी दे दी।

शीर्ष न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात की ओर से इन राज्यों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली अधिसूचनाओं और आदेशों पर रोक लगा दी। गौरतलब है कि गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश द्वारा फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाले आदेश और अधिसूचना के विरोध में फिल्म के निर्माताओं ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश की सरकारों ने ऐलान किया था कि वे अपने अपने राज्यों में पद्मावत के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देंगी।

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