नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की चंदे में कथित गड़बड़ी के मामले में मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2 करोड़ रुपये के चंदे के हेराफेरी के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इससे पहले पिछले महीने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से भी आम आदमी पार्टी को झटका लगा था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा था कि ये रुपये चंदा नहीं हैं बल्कि आम आदमी पार्टी की आमदनी हैं।

दरअसल 2015 में आम आदमी पार्टी को 50-50 लाख रुपये के 4 ड्राफ्ट के जरिए 2 करोड़ रुपये मिले थे। पार्टी की दलील थी कि यह राशि उसे बतौर चंदे के रूप में मिली थी। ‘अवाम’ नाम के एक एनजीओ ने फरवरी 2015 में आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी ने एक ही शख्स के नाम से रजिस्टर्ड 4 फर्जी कंपनियों के जरिए 50-50 लाख रुपये लेकर चंदे लिए थे और इस राशि को चंदा बताया था। बाद में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने भी आम आदमी पार्टी पर यही आरोप लगाया था की चंदे कि आड़ में आम आदमी पार्टी ने काले धन को सफेद करवा लिया था।

मिश्रा के आरोपों के बाद दिल्ली के रहने वाले मुकेश शर्मा नाम के एक शख्स सामने आए थे और दावा किया था कि आम आदमी पार्टी को जिन कंपनियों से चंदा दिया गयाए वे फर्जी नहीं हैं। मुकेश ने दावा किया कि वह उन कंपनियों के डायरेक्टर थे। हालांकि बाद में कपिल मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि मुकेश को आम आदमी पार्टी ने अपने बचाव के लिए आगे लाया है। मिश्रा ने कुछ कागजातों के हवाले से दावा किया कि जब आम आदमी पार्टी के चंदे दिए गए तब मुकेश उन कंपनियों से जुड़े हुए नहीं थे।

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