The hanging of kulbhushan Jadhav,
Kulbhushan Jadhav, Pak

नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव की फांसी को लेकर हेग स्थित अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया। 11 जजों की बेंच के सदस्य जस्टिस रॉनी ने फैसला सुनाते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगा दी और कहा कि इस मामले में जब तक अंतिम फैसला नहीं आता तब तक फांसी पर रोक लगी रहेगी। कोर्ट अंतिम फैसले से पहले कुलभूषण को फांसी नहीं होने देगी। कोर्ट ने कहा कि भारत पाक दोनों ही वियना संधि से बंधे हैं। भारत ने इसी के तहत अपील की है। जस्टिस रॉनी ने पाकिस्तान के दावे को खारिज कर कहा कि कुलभूषण की गिरफ्तारी एक विवादित मुद्दा है। कोर्ट को मामले में सुनवाई का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि कुलभूषण को कानूनी मदद मिलनी चाहिए। भारत ने कुलभूषण को अपना नागरिक स्वीकारा, उससे मिलने के लिए अपील की, जिस पर पाकिस्तान कुलभूषण को काउंसलर सहायता देने में विफल रहा। इधर कुलभूषण के मामले में आईसीजे के फैसले पर पूरे देश की नजरें गढ़ी रही। सुनवाई के दौरान पाकिस्तान ने कहा कुलभूषण को ब्लूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया। ऐसे में वह काउंसलर एक्सेस दिए जाने का पात्र नहीं है। उसका मामला अन्तर्राष्ट्रीय अदालत के दायरे में नहीं आता। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। इसके जवाब में भारत ने अपने तथ्य पेश किए और जाधव के मामले को वियना संधि का खुला उल्लंघन बताया। भारत के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि जाधव को पाक ने अगवा किया। उसका कबूलनामा भी संदेहास्पद है क्योंकि यह पूरी तरह पाक सेना की हिरासत में किया गया। इस मामले में मानवाधिकार की पाक ने खुली धज्जियां उड़ाई। इसी के चलते भारत ने अदालत के समक्ष न्याय की गुहार की है। बता दें पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। बाद में 10 अप्रेल को उसे फांसी की सजा सुनाई थी।

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