Cbi failed

नयी दिल्ली: व्यापमं मामले में कथित अनियमतितताओं के सिलसिले में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र में मध्य प्रदेश के चार निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रमुखों समेत 592 लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है उसमें एल एन मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष जे एन चौकसे, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के एस एन विजयवर्गीय और चिरायु मेडिकल कॉलेज के अजय गोयनका :सभी भोपाल में: और इंदौर स्थित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया शामिल हैं।

जहां तीन प्रमोटरों ने संपर्क करने पर कोई टिप्पणी नहीं की, वहीं भदौरिया ने दावा किया कि न तो उनका और न ही उनके कॉलेज का सीबीआई के आरोप पत्र में उल्लेख किया गया है। सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि समझा जाता है कि सभी चारों ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया है। आरोप पत्र भोपाल की विशेष सीबीआई अदालत में दायर किया गया। यह आरोप पत्र व्यापमं द्वारा 2012 में आयोजित प्री मेडिकल टेस्ट :पीएमटी: के सिलसिले में दायर किया गया। परीक्षा राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिये ली गई थी।

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि बिचौलियों ने इस मामले में व्यापमं के कुछ अधिकारियों के साथ कथित मिलीभगत से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के साथ तालमेल के लिए इंजन-बोगी वाली प्रणाली को अपनाया। उन्होंने कहा कि इसमें एक प्रतिभाशाली अभ्यर्थी को कमजोर परीक्षार्थी के ठीक आगे का रोल नंबर दिया जाता था ताकि कमजोर वाला होशियार से नकल कर सके। होशियार परीक्षार्थी वो होता था जिसने परीक्षा के लिए पहले ही कोचिंग ली हो और परीक्षा की जिसे अच्छी तरह जानकारी हो। अधिकारी ने बताया कि प्रतिभाशाली अभ्यर्थी इंजन की तरह काम करता था और दूसरे बोगी की तरह।

सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि बिचौलिये इस तरह की व्यवस्था बनाने के लिए 15 से 20 लाख रुपये वसूलते थे।
जिन लोगों को नामजद किया गया है उसमें 334 उम्मीदवार, 155 अभिभावक, 46 परीक्षक, चार निजी मेडिकल कॉलेजों के 26 अधिकारी, 22 बिचौलिये और मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के दो अधिकारी शामिल हैं। आरोप पत्र में राज्य सरकार के जिन दो अधिकारियों के नाम हैं उसमें व्यापमं के तत्कालीन निदेशक एस सी तिवारी और मेडिकल शिक्षा विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक एन एम श्रीवास्तव भी शामिल हैं।

आरोप पत्र में नामजद लोगों में से 245 को पहली बार आरोपी बनाया गया है। अन्य लोगों को सीबीआई ने पहले अलग-अलग आरोप पत्रों में नामजद किया है। सीबीआई व्यापमं द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में व्यापक अनियमितता के विभिन्न मामलों की जांच कर रही है। ये परीक्षाएं मेडिकल कॉलेजों में दाखिले और राज्य सरकार की नौकरियों के लिये ली गई थीं।

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