जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद में करपी थाना क्षेत्र के सेनारी गांव में नक्सली संगठन एमसीसी के हथियारबंद दस्ते द्वारा की गई 34 लोगों की हत्या के मामले में गुरुवार को न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। अपर न्यायाधीश तृतीय रंजीत कुमार सिंह के न्यायालय ने 15 आरोपियों को दोषी करार दिया है। जबकि साक्ष्य के अभाव में 23 लोगों को रिहा कर दिया है। दो दोषी पाए गए आरोपित गुरुवार को न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। न्यायालय ने इस मामले में विनय पासवान, अरविंद यादव, मुंगेश्वर यादव, बुटाई यादव, गोपाल साव, गोराई पासवान, ललन पासी, सत्येन्द्र दास, द्वारिक पासवान, करिमन पासवान, उमा पासवान, बचेश कुंवर सिंह, बुधन यादव, गनौरी मांझी एवं ब्यास यादव को दोषी करार दिया है। इनमें से गनौरी मांझी, ब्यास यादव न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। 18 मार्च 1999 की देर शाम अरवल जिले के सुदूरवर्ती सेनारी गांव में एमसीसी के द्वारा 34 सवर्णों की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सात लोग गंभीर रुप से घायल भी हुए थे। घटना के बाबत गांव की चिंतामणि देवी ने करपी थाने में 15 नामजद समेत चार-पांच सौ अज्ञात हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

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