OBC reservation
जयपुर। राजस्थान के ओबीसी आरक्षण कोटे को बढ़ाकर 54 फीसदी करने वाले विधेयक पर रोक लगा दी है। गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस के एस झवेरी की खण्डपीठ ने आरक्षण विधेयक की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस बिल को लेकर तल्ख मौखिक टिप्पणी की है। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनेता देश को बांटने में लगे हैं। उन्हें संविधान और कानून से कोई मतलब नहीं है। उधर, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार को बड़ा झटका लगा है।
गुर्जर समेत पांच जातियों को ओबीसी कोटा बढ़ाकर अलग से पांच फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान किए गए हैं नए बिल में। 21 फीसदी ओबीसी कोटे को बढ़ाकर 26 फीसदी कर दिया, जिससे राजस्थान में ओबीसी कोटा बढ़कर 54 फीसदी पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 49 फीसदी से अधिक आरक्षण कोटा नहीं होना चाहिए। सरकार के इस नए ओबीसी आरक्षण बिल को संविधान विरोधी बताते हुए याचिकाकर्ता गंगाशहाय शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका में कहा कि आरक्षण बिल की संवैधानिकता पर सवाल उठाते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 49 फीसदी आरक्षण का प्रावधान तय कर रखा है। इससे अधिक आरक्षण कोटा नहीं बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने ओबीसी कोटा बढ़ाकर 54 फीसदी कर दिया, जो संविधान विरोधी है। इस पर रोक लगाई जाए। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस आरक्षण बिल पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा है।

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