भरतपुर. राजस्थान में एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर हाईवे जाम कर दिया। शुक्रवार को जयपुर-भरतपुर नेशनल हाईवे-21 पर अरोदा, बेरी के बीच आंदोलनकारी हाईवे पर बैठ गए हैं। सड़क पर बैठे लोगों के हाथों में लाठियां हैं और वे नारेबाजी कर रहे हैं। इससे पहले पुलिस ने लोगों को खदेड़ने की कोशिश की तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। तनाव बढ़ता देख पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। कलेक्टर आलोक रंजन और एसपी श्याम सिंह मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। दरअसल, भरतपुर में सैनी, कुशवाह, मौर्य, माली समाज 12% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। आरक्षण की मांग को लेकर आज जयपुर-भरतपुर नेशनल हाईवे-21 को जाम करने का ऐलान किया। पुलिस ने आंदोलन को देखते हुए सुबह से ही हाईवे से जुड़े बल्लभगढ़, हलैना, वैर, आरोंदा, रमासपुर गांव के रास्तों को ब्लॉक कर दिया, जिससे आंदोलनकारी हाईवे पर नहीं पहुंच सके। दोपहर 2.45 बजे हलैना से वैर जाने वाले रोड पर रमासपुर गांव के पास कुछ लोग चक्का जाम करने के लिए हाईवे की तरफ बढ़े। पुलिस ने उन्हें रोक लिया और वापस जाने की अपील की। आंदोलनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ को खेतों में खदेड़ दिया। शाम 7.30 बजे के करीब आंदोलनकारियों ने जाम लगा दिया। एसपी श्याम सिंह ने बताया कि करीब 15 मिनट तक प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई। पुलिस ने धरना स्थल अरोंदा गांव को अपने कब्जे में ले लिया है। इस घटना के बाद नदबई विधायक जोगिंदर सिंह अवाना ने आंदोलनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले सुबह 6 बजे भुसावर इलाके में बल्लभगढ़ में लोगों ने पुलिस की गाड़ी काे घेर लिया। लोगों के हाथों में लाठियां थीं। ऐसे में पुलिस को उल्टे पैर लौटना पड़ा। पुलिस ने बल्लभगढ़ रोड पर सुबह से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी। जिसके विरोध में स्थानीय लोगों ने पुलिस को खदेड़ दिया। नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान करने के बाद पुलिस ने फुले आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी सहित 6 लोगों को गुरुवार को ही अरेस्ट कर लिया था। जिन्हें डीग एसडीएम के सामने पेश कर जेल भेज दिया था। इधर, समाज का दूसरा धड़ा गुरुवार को फुले आरक्षण संघर्ष समिति के उप-संयोजक सहित 9 लोगों का डेलिगेशन प्रमुख शासन सचिव समित शर्मा से मिला, जहां उनकी वार्ता सकारात्मक रही। सैनी, कुशवाह, मौर्य, माली समाज की तीन मुख्य मांग है। इनमें नवकुश कल्याण बोर्ड का गठन करने, राज्य और जिला स्तरीय नवकुश छात्रावास का निर्माण करवाने और समाज को 12 प्रतिशत आरक्षण अलग से दिए जाने की मांग की जा रही है। समाज मांगों को लेकर अड़ा है। पहले से 21 अप्रैल को हाईवे जाम की चेतावनी दी थी। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा था कि पहले भी हाईवे जाम किया था तब सीएम, मंत्री और अधिकारियों ने आश्वासन दिया, लेकिन मांगें पूरी नहीं की। अब सरकार से हाईवे पर ही बात होगी।

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