Patidars in Gujarat stopped 'chariot of Modi'

delhi. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज निम्नलिखित प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी:
30,274 करोड़ रुपये की कुल पूर्णता लागत पर 82.15 किलोमीटर (68.03 किलोमीटर एलिवेटिड और 14.12 किलोमीटर भूमिगत) दूरी को कवर करने वाले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का निर्माण; अनुदान और अमुख्य ऋण (सबॉर्डनैट डेब्ट) के रूप में 5,634 करोड़ रुपये की केन्द्रीय वित्तीय सहायता; परियोजना के लिए संस्थागत प्रबंध और वित्तीय प्रारूप तथा
परियोजना की मंजूरी की शर्तें

प्रमुख विशेषताएः
आरआरटीएस भारत में कार्यान्वित की जाने वाली अपने किस्म की पहली, रेल आधारित, उच्च रफ्तार, क्षेत्रीय ट्रांजिट प्रणाली है। एक बार चालू होते ही यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सबसे तेज, सबसे ज्यादा आरामदायक तथा परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन होगी। इस परियोजना में अन्य शहरी परिवहन प्रणालियों को दक्ष और प्रभावी ढंग से एकीकृत किया जाना शामिल है, जो केवल डिजाइनिंग, टेक्नोलॉजी तथा संस्थागत प्रबंधन की नवोन्मेषी पद्धतियों को अपनाये जाने से ही संभव है।

आरआरटीएस का लक्ष्य अतिशय विकास तथा निजी वाहनों की संख्या में वृद्धि के कारण दबाव झेल रही शहरी परिवहन प्रणाली को यात्रा अवसंरचना और औद्योगिक गतिविधियों तथा जनता को सुरक्षित, संरक्षित, विश्वसनीय, तेज और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध कराने पर बल देते हुए सुचारू बनाना है।

इस परियोजना का उद्देश्य महिलाओं, बच्चों और समाज के असहाय वर्गों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनते हुए ‘संपूर्ण पहुंच ’ सुनिश्चित करना है। सुरक्षित, संरक्षित और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन केवल सार्वजनिक परिवहन का आकर्षण बढ़ाने के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि समानता व समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए समाज के असहाय और हाशिए पर पड़े वर्गों की व्यापक सचलता और भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

इस परियोजना का उत्तरदायित्व विशेष उद्देश्य वाली कंपनियां (एसपीवी) यथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा वहन किये जाने का प्रस्ताव है। ऐसा केन्द्र और राज्य सरकारों के समान योगदान सहित संयुक्त स्वामित्व में, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा बहुपक्षीय/द्विपक्षीय एजेंसी से ऋण लेकर, कॉपोरेट गवर्नेंस को मजबूत बनाने, पारर्दिशता तथा सभी हितधारकों की भागीदारी बढ़ाकर उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सामान्य तौर पर जो भी आवश्यक हो, विभिन्न औपचारिकताओं, सीवीसी दिशानिर्देशों और डीपीई दिशानिर्देशों का अनुसरण करते हुए तथा वेबसाइट आदि सार्वजनिक क्षेत्र पर उपयुक्त सूचना प्रदान करके किया जाना प्रस्तावित है।

लाभः

आरआरटीएस का कार्यान्वयन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़भाड़, वायु प्रदुषण के मसलों को हल करने तथा संतुलित और सतत क्षेत्रीय विकास को प्रेरित करने के लिए बेहद आवश्यक अतिरिक्त सार्वजनिक परिवहन अवसंरचना प्रदान करेगा।

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