पटना। कानपुर मण्डल में पटरियों से रेल उतरने के बाद जन-धन की बड़ी हानि के पीछे आतंकी साजिश सामने आई है। उत्तरप्रदेश के कानपुर में नवम्बर में हुए रेल हादसे के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की लिप्तता दिख रही है। अब तक की जांच में यह सामने आया है। इस साजिश को अंजाम देने वाले मास्टर माइंड शम्शुल होदा को काठमांडू से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। शम्शुल होदा पर आरोप है कि उसने पाकिस्तान में बैठे आईएसएआई के आकाओं के इशारे पर ही दुबई में बैठकर इन रेल हादसों की साजिश रची। जहां रेल हादसों में 150 से भी अधिक लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस की अब तक जांच में जो तथ्य सामने आए। उसके अनुसार जांच के बाद भारत व नेपाल मामले में लगातार इंटरपोल के संपर्क था। इंटरपोल के सहयोग से हौदा को दुबई से नेपाल लाया गया। नेपाल के त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने के साथ ही नेपाल पुलिस ने उसे तीन अन्य लोगों के साथ धर-दबोचा। होदा के साथ पुलिस की पकड़ में आए तीन अन्य बृजकिशोर गिरि, उमेश कुर्मी व आशीष सिंह है। ये सभी नेपाल के कलैया जिले के निवासी है। एनआईए टीम ने आरोपियों से पूछताछ की। जिसमें उसने पाकिस्तान से जुड़े अपने कनेक्शनों की बात स्वीकारी। नेपाल पुलिस की गिरफ्त में आए हौदा को भारत लाने को लेकर एनआईए, आईबी व रॉ नेपाल में डेरा डाले हुए हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष नवंबर माह में कानपुर में भीषण रेल हादसे के बाद बिहार पुलिस ने जांच कर सनसनीखेज मामले का खुलासा किया। पुलिस ने इसे हादसा न मानकर आतंकी साजिश होने की बात स्वीकारी। जिसे पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के आकाओं ने अंजाम दिया। इस घटना को दुबई में बैठे शम्शुल हौदा ने अपने लोगों के जरिए अंजाम दिया। अक्टूबर 2016 को पूर्वी चंपारण के घोडासहन में रेल पटरी पर मिले बम के संबंध में जो जांच हुई, उसमें पुलिस ने मोती पासवान नाम शख्स पर शिंकजा कसा। मोती ने जांच में दुबई में बैठे नेपाली कारोबारी शम्शुल हौदा व नेपाल निवासी ब्रिजकिशोर गिरि की भूमिका उजागर की। इस पर पुलिस ने नेपाल में ब्रिजकिशोर गिरि से एक ऑडियो क्लिप मिली। जिसमें कानपुर रेल हादसे की साजिश की बातचीत शामिल थी। नेपाल पुलिस ने यह ऑडियो एनआईए व अन्य जांच एजेंसियों को सौंप दिए हैं।

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