Kotwali
जयपुर, विधि सं.। नागौर शहर में जाली नोट छाप कर एवं बाजार में चला कर व्यवसाय करने के मामले में जाली नोट मामलों की विशेष अदालत में जज इसरार खोखर ने बुधवार को एक गिरोह के 7 सदस्यों को 5 साल एवं एक सदस्य को दो साल के कठोर कारावास एवं करीब दो लाख पांच हजार रुपए के जुमार्ने की सजा से दण्डित किया है।
प्रकरण में अभियुक्त किशन गौड निवासी माही दरवाजा-नागौर को जेल प्रशासन की ओर से कोर्ट में पेश नहीं किया गया। अदालत ने उसे दोषसिद्ध तो ठहरा दिया है, लेकिन अभियुक्त किशन गौड को सजा के बिन्दू पर गुरुवार को सुना जायेगा। वहीं एक अन्य अभियुक्त विजयकुमार उर्फ प्रहलादनाथ जमानत मिलने के बाद फरार हो गया। कोर्ट ने उसे 2० जुलाई, 2०17 को मफरुर घोषित कर रखा है।
साथ ही मामले में आरोपी तोलाराम, सोमनाथ, बनवारी और शरद शर्मा 2००9 से ही फरार है, नागौर थाना पुलिस ने चारों के खिलाफ धारा 173/8 अनुसंधान लंबित रखा हुआ है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि नकली नोट दीमक की तरह है, जो धीरे-धीरे देश की अर्थव्यस्था को चौपट करता है। साथ ही शुद्ध मुद्रा पर ही देश की नीतियां निर्भर करती है।
इन्हें मिली सजा:-
स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को गिरोह के सदस्य नागौर निवासी श्रवणराम नाई, मेघराज परिहार, अरुण जैन, दिनेश सैन, रामकिशन जाट, माणक जाट और कालू राम जाट को पांच साल की जेल एवं जुमार्ने सजा सुनाई तथा गंगाशहर-बीकानेर निवासी अभियुक्त अनिल दर्जी को दो साल जेल एवं जुमार्ने की सजा से दण्डित किया है।
यह था मामला:-
लोक अभियोजक हेमन्त कुमार ने कोर्ट को बताया कि नागौर थाना पुलिस को 19 जनवरी, 2००9 को मुखबीर से सूचना मिली थी कि अभियुक्त 25०० रुपए में 1० हजार रुपए के जाली नोट देते हैं। इस पर एसएचओ सुनील प्रसाद ने पुलिस टीम के साथ बोगस ग्राहक के जरिए अभियुक्तों से संपर्क किया। अभियुक्त श्रवण राम व मेघराज ने चुटिसरा रोड पर बोगस ग्राहक को 25०० रुपए असली लेकर 1० हजार रुपए के नकली नोट दे दिए। इस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। उनकी सूचना अन्य अभियुक्तों को पकड कर कुल 2,०8,००० रुपए के नकली नोट एवं मेघराज परिहार के घर से नकली नोट बनाने के समस्त उपकरणों को जब्त किया गया।

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