High Court

जयपुर। पारिवारिक विवाद से जुडे मामले में अदालत के आदेश की अवहेलना करने पर राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस झवेरी और न्यायाधीश वी के व्यास की खंडपीठ ने पत्नी को अवमानना का दोषी मानते हुए छह माह की जेल की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने महिला को समर्पण करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।इस संबंध में एनआरआई पति नवीन शर्मा ने अवमानना याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि अजमेर निवासी पत्नी से बच्चे की कस्टडी सहित अन्य पारिवारिक विवाद चल रहे है। कनाडा के कोर्ट ने बच्चे की कस्टडी उसे सौंपी है। दोनों के बीच अन्य मुकदमें भी लम्बित हैं। पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए गत दिनों हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को फैमिली कोर्ट, अजमेर में लंबित मुकदमों को वापस लेने को कहा था। लेकिन महिला ने आदेश की पालना नहीं की। जिस पर पति अवमानना याचिका पेश की।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला का कहना था कि उसने फैैमिली कोर्ट में मुकदमा वापस लेने का प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन उस पर आदेश नहीं हो सका। उसके खिलाफ पति ने भी मुकदमा वापस नहीं लिया है। ऐसे मामलों में कोर्ट जेल भेजने की सजा नहीं देता है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आपने पति के खिलाफ कोई अवमानना याचिका पेश नहीं की है। इसलिए पति को सजा नहीं दी जा सकती।

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