जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के हर घर में नल से जल पहुंचाने की दिशा में जल जीवन मिशन के कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। वर्ष 2024 तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में हर घर जल पहुंचाने के लिए यह एक महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की पेयजल आवश्यकताओं को देखते हुए जरूरी है कि चम्बल परियोजना, माही बांध, नर्मदा परियोजना सहित अन्य वृहद् परियोजनाओं के जल का कुशलतम उपयोग किया जाए। साथ ही व्यर्थ बह जाने वाले वर्षा जल को संचित कर इस जल के माध्यम से जल जीवन मिशन की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया जाए।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मिशन प्रभावी रूप से क्रियान्वित हो सके, इसके लिए विभिन्न स्तर पर दी जाने वाली स्वीकृतियों का समय और कम किया जाए ताकि धरातल पर जल्द काम शुरू हो सके।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने एवं महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के लिए घरेलू जल कनेक्शन महिला मुखिया के नाम से जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति में 50 प्रतिशत सदस्य महिलाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा कदम है। राज्य सरकार के इस निर्णय से महिलाओं को अपने गांव में जल जीवन मिशन के प्रबंधन में भागीदारी निभाने का मौका मिलेगा और वे सशक्त बनेंगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सुधांश पंत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि प्रदेश में 15 अगस्त, 2019 तक 11 लाख 73 हजार ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन मिल चुके थे। इसके बाद करीब 76 लाख से अधिक स्वीकृतियां जारी की गई हैं। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत अब तक कुल 21 लाख 28 हजार कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। वर्ष 2021-22 में अभी तक 1 लाख 68 हजार जल कनेक्शन जारी किए गए हैं।
पंत ने बताया कि पेयजल योजनाओं, कनेक्शन की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति, निविदा आमंत्रित करने तथा कार्यादेश जारी करने के कार्य को काफी तेजी से आगे बढ़ाया गया है।

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