Indian Navy
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Delhi.भारतीय नेवी की पश्चिमी नौसेना कमाण्‍ड ने अरब सागर में विशाल सामरिक अभ्‍यास पूरा किया। ‘पश्चिमी लेहेर’ (एक्‍सपीएल), नामक तीन सप्‍ताह लंबे अभ्‍यास के दौरान पश्चिमी नौसेना कमाण्‍ड की सामरिक तैयारी का परिक्षण तथा इसकी परिचालनिक योजनाओं का निष्‍पादन किया गया।

40 से भी अधिक नौसैनिक परिसम्‍पत्तियां जिनमें वायुयान वाहक आईएनएस विक्रमादित्‍य, पश्चिमी तथा पूर्वी बेड़ों के अग्रिम पंक्ति के जहाज (हाल ही में शामिल कोलकाता श्रेणी सहित), पनडुब्बियां, 22वीं किलर स्‍कवेडर्न के मिसाइल जलयान, पेट्रोल जलयान तथा स्‍थानीय फ्लोटिला का जहाज शामिल हैं तथा भारतीय तटरक्षक ने भी इस अभ्‍यास में भाग लिया। इसके अलावा इस अभ्‍यास में संवाहकयुक्‍त मिग 29 के, पी-8आईस, आईएल-38एसडीस, डोर्नियर एवं दुरस्‍थ संचालित हवाई जहाजों ने भी अपनी गहन उड़न गतिविधियों का प्रदर्शन किया।

इस अभ्‍यास के दौरान भारतीय वायु सेना के हवाई जहाजों ने भारतीय नेवी के हवाई जहाजों के साथ समन्वित उड़ान अभियान में भी बढ़-चढ़ कर भागीदारी की। गुजरात, महाराष्‍ट्र तथा उत्‍तर भारत के विभिन्‍न हवाई स्‍थलों से भारी संख्‍या में मेरीटाइम रोल जेगुआर, एसयू-30 एमकेआई, अवाक्‍स, फ्लाइट रिफ्यूलर्स ने भाग लिया। एक उभयचरी अवतरण का भी आयोजन किया गया जिसमें भारतीय सेना की 91 इन्‍फ. बीडीई भी शामिल रही।

एक्‍सपीएल 2018 से परिचालनिक योजनाओं तथा भारत के पश्चिम समुद्री तट पर उग्र मेरीटाइम परिदृश्‍य में पैंतरेबाजी का परीक्षण एवं पुनर्वैधीकरण संभव हो पाया। खुले समुद्र में भारतीय परिसम्‍पत्तियों की रक्षा यथा, तेल रिग्‍स, भारतीय व्‍यापारिक जहाजों के अनुरक्षी परिचालन एवं तटीय सुरक्षा का भी अभ्‍यास किया गया। इस अभ्‍यास से पश्चिमी नौसैनिक कमाण्‍ड के परिचालन, तार्किक तथा प्रशासनिक योजनाओं को और सुधारने में मदद मिलेगी।

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