– ईआरसीपी की नई योजना से राजस्थान को पहले से ज्यादा पानी मिलेगा
जयपुर. कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) के मुद्दे पर पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। साथ ही सीएम भजनलाल शर्मा की तुलना भागीरथ से की है। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी की नई योजना से राजस्थान को पहले से ज्यादा पानी मिलेगा और इसका 90 फीसदी पैसा केंद्र देगा। इस योजना से सीएम भजनलाल शर्मा भागीरथ बनकर आए हैं। कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी जयपुर में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। किरोड़ीलाल ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जिलों के किसानों का भाग्य खोलने का काम किया है। बीजेपी के संकल्प पत्र में घोषणा की गई थी कि हमारी सरकार आई तो ईआरसीपी को पूरा करेंगे और इसको कुछ ही समय में मूर्त रूप दे दिया। अब यह राष्ट्रीय परियोजना घोषित हो गई। 2 राज्य शामिल होने से इसे राष्ट्रीय परियोजना बनाने में आसानी हुई। एक राज्य होता तो 75 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी होती। इसका 90 फीसदी खर्च केंद्र वहन करेगा। 10 फीसदी मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार मिलकर वहन करेंगे। किरोड़ीलाल ने कहा पूर्व सीएम अशोक गहलोत बयान देते थे कि या तो केंद्र ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें, अन्यथा राज्य इसका काम पूरा करेगा। गहलोत ने कुछ नहीं किया, केवल खजाना खाली करके गए। गहलोत 5 लाख 78 हजार करोड़ का कर्ज का भार चढ़ा गए और कर्ज लेकर रेवड़ियां बांटीं। उदाहरण के लिए दूद को जिला बनाया, जहां केवल तीन थाने हैं। गहलोत रेवड़ियां बांटकर वोट लेना चाहते थे, लेकिन जनता उनकी चाल को समझ गई। उन्होंने कहा पिछले कांग्रेस राज में जानबूझकर या गलती से कहिए ईआरसीपी में सही नहीं हुआ। गहलोत ने कमलनाथ को पत्र लिखा था कि ईआरसीपी पर मध्यपदेश की सहमति चाहिए। कमलनाथ ने सहमति से मना कर दिया। कमलनाथ के मना करने का कारण था कि योजना 50 फीसदी वाटर डिपेंडेंसी पर बनाई थी। यह योजना वसुंधरा सरकार में बनी जो आज मूर्त रूप ले रही है। केंद्रीय जल आयोग चाहता था कि ईआरसीपी 75 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी के आधार पर बने। किरोड़ी ने कहा ईआरसीपी के साथ अब पार्वती-काली सिंध-चंबल (पीकेसी) को जोड़ दिया है। इसे अटल बिहारी वाजपेयी के समय भी नदी जोड़ो प्रोजेक्ट में चिह्नित किया गया था। सुरेश प्रभु कमेटी ने पार्वती-काली सिंध-चंबल को चयनित किया था। अब नए सिरे से ईआरसीपी में राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश को भी पानी मिलेगा। इसमें 2.80 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी, 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पहले का बरकरार रहेगा।

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