जयपुर। आनंदपाल एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों के मामले में राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सीबीआई हो या अन्य कोई जांच एजेंसी। चाहे किसी से भी जांच करा लो। आनंदपाल को सरेंडर करने के लिए कहा था, लेकिन उसने तो पुलिस पर ही फायरिंग शुरू कर दी।

इस बीच आनंदपाल के वकील एपी सिंह दिल्ली पहुंचे और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिले। करीब 15 मिनट तक एडवोकेट एपी सिंह व राजनाथ सिंह के बीच बातचीत चली। इस दौरान एडवोकेट एपी सिंह ने 7 मांगे राजनाथ सिंह के समक्ष रखी और कहा कि एक साल पहले ही हाईकोर्ट में लिखित रुप से यह कहा गया था कि पुलिस राजनीतिक दबाव के चलते आनंदपाल का एनकाउंटर कर सकती है। इस दौरान उनके साथ अखिल क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारी भी साथ थे।

इस बीच आनंदपाल के गांव सांवरदा को जाने वाले हर रास्ते पर पुलिस ने कड़ा पहरा लगा दिया है। गांव के रास्तों से गुजरने वाले हर वाहन की सख्ती से जांच की जा रही है। कल तक पुलिस ने कार्रवाई कर 48 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। अब यह आंकड़ा 127 तक जा पहुंचा है। वहीं आनंदपाल के परिजन उनकी मांगों के नहीं माने जाने तक शव लेने से इंकार ही कर रहे हैं। इधर आनंदपाल की बेटी योगिता सिंह भी सोमवार को जयपुर से अपने पैतृक गांव सांवरदा पहुंच गई।

-सांवरदा में जमे हजारों रावणा राजपूत
आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद से ही समाज के लोग व समाज की समितियों से जुड़े पदाधिकारी सांवरदा पहुंच गए। यहां करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावणा, उपाध्यक्ष गणपत सिंह रावणा पडियार भीलवाड़ा, युवा अध्यक्ष एडवोकेट हिम्मत सिंह सोलंकी, अनिल सिंह बडगूजर, अध्यक्ष मुकेश सिंह जोधा, अजमेर जिला अध्यक्ष राजवीर सिंह, तहसील समाज मेड़ता रतन सिंह सोलंकी सहित हजारों रावणा राजपूत बैठे हुए हैं।

-सीएम राजे को भेजा मांग पत्र
आनंदपाल एनकाउंटर के बाद उसके परिजनों ने सीएम वसुंधरा राजे को अपना मांग पत्र भेजा। इस मांग पत्र में निम्न मांगे रखी गई और इन उचित निर्णय के बाद ही आनंदपाल के अंतिम संस्कार की बात कही गई।
-आनंदपाल एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराई जाए।
-आनंदपाल के दाह संस्कार में शामिल होने आए व गिरफ्तार किए गए समाज के लोगों को छोड़ा जाए।
-ढाई साल पहले बीकानेर जेल में बंद आनंदपाल पर हुई फायरिंग की सीबीआई जांच कराने।
-आनंदपाल की बेटी व अन्य परिजनों पर मुकदमे दर्ज कर जेलों मेें ठूसने व भय का माहौल बनाने से रोकना।
-आनंदपाल के दाह संस्कार में उसके भाई मनजीत सिंह, रुपेंद्रपाल सिंह व देवेंद्रपाल सिंह उर्फ गट्टू की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए।
-एनकांउटर में आनंदपाल की मौत के दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

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