नयी दिल्ली। मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने आज कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने बड़े पैमाने पर लंबित मामलों का निपटारा कर दिया है और फरवरी 2018 तक उसके पास सिर्फ ऐसे मामले रह जाएंगे जो 2017 में दायर किए गए हैं। साल 2016-17 की शुरूआत में आयोग में 35,000 से ज्यादा मामले लंबित थे। माथुर ने कहा कि एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 तक 9,000 मामलों का निपटारा किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘एक अप्रैल 2016 को हमारे यहां करीब 35,000 मामले लंबित थे । 31 मार्च 2017 को हमारे यहां 26,000 मामले लंबित थे। सबसे अहम बात यह है कि 2015, 2009, 2010 वगैरह से हमारे पास 6,000 मामले लंबित थे । हम उनका निपटारा करने में कामयाब हुए हैं ।’’ आयोग के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए माथुर ने कहा कि फरवरी 2018 से आयोग ऐसे मामलों की सुनवाई करेगा जो 2017 में दायर किए गए।
उन्होंने कहा, ‘‘कंप्यूटर पर सारी फाइलिंग कर दी गई है । कंप्यूटर और वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सुनवाई की जा सकती है । पंजीकरण 48 घंटे के भीतर किया जा सकता है । हमने अपीलों और शिकायतों पर नजर रखने के लिए एक ई-मेल और एसएमएस सुविधा शुरू की है ।’’ माथुर ने कहा कि आयोग ने पारदर्शिता अंकेक्षण की प्रक्रिया भी शुरू की है । उन्होंने कहा कि जन संपर्क प्रणाली की मदद से लोगों के 3,500 सवालों के जवाब दिए गए हैं । माथुर ने कहा कि एक नई व्यवस्था शुरू की गई है जिसमें लोक प्राधिकारी आयोग की वेबसाइट पर अपने खिलाफ लंबित मामलों को देख सकते हैं । इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि वे सुनवाई के लिए पूरी तैयारी के साथ आएं ।