नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात प्रोग्राम में देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने पद्म पुरस्कार पाने वाले लोगों के जीवन की कहानियां बताईं और लोगों से भी उनके जीवन की प्रेरक कहानियां पढ़ने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है। सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है। स्वभाव से हम एक डेमोक्रेसी सोसाइटी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पद्म पुरस्कार विजेताओं की एक बड़ी संख्या आदिवासी समुदायों और आदिवासी समाज से जुड़े लोगों से आती है। आदिवासी जीवन शहर के जीवन से अलग है, इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं। इन सबके बावजूद आदिवासी समाज अपनी परंपराओं को बचाने के लिए हमेशा आतुर रहता है। टोटो, हो, कुई, कुवी और मांडा जैसी आदिवासी भाषाओं पर काम करने वाली कई महान हस्तियों को पद्म पुरस्कार मिल चुके हैं। यह हम सबके लिए गर्व की बात है। सिद्दी, जारवा और ओंगे आदिवासियों के साथ काम करने वालों को इस बार भी पुरस्कृत किया गया है। पीएम ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा। इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली महिला ऊंट सवार और सीआरपीएफ की महिला टुकड़ी की भी काफी सराहना हो रही है। डॉ अंबेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां प्रस्ताव, संकल्प, कोरम और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। बाबासाहेब का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्थाओं से मिली होगी। मोदी ने कहा कि मैं एक दिलचस्प किताब का जिक्र करूंगा। इसका नाम इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। इसमें कई बेहतरीन कहानियां हैं। इसको सभी को पढ़ना चाहिए। पीएम बोले कि मुझे खुशी है कि देश के हर कोने में, जहां भी G-20 समिट हो रही है, वहां मिलेट्स से बने पौष्टिक, और स्वादिष्ट व्यंजन उसमें शामिल होते हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि देश का ये प्रयास और दुनिया में बढ़ने वाली मिलेट्स की डिमांड हमारे छोटे किसानों को कितनी ताकत देने वाली है। इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स की ऐसी शानदार शुरुआत के लिए और उसको लगातार आगे बढ़ाने के लिए देशवासियों को बधाई देता हूं। योग दिवस और हमारे विभिन्न तरह के मोटे अनाजों या मिलेट्स में काफी कुछ कॉमन है। इस बदलाव का बहुत बड़ा प्रभाव भी दिख रहा है। जिस तरह लोगों ने व्यापक स्तर पर सक्रिय भागीदारी करके योग और फिटनेस को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है, उसी तरह मिलेट्स को भी लोग बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं। लोग अब इसको अपने खानपान का हिस्सा बना रहे हैं। बीच के लिए जाना जाने वाला टूरिस्ट हब गोवा आज किसी और वजह से भी चर्चा में हैं। उसका कारण है पणजी में हुआ पर्पल फेस्ट। मुझे पूरा विश्वास है कि एक्सेसिबल इंडिया के हमारे विजन को साकार करने में इस प्रकार के अभियान बहुत ही कारगर साबित होंगे। पर्पल फेस्ट को सफल बनाने के लिए हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को बधाई देता हूं। पिछले साल के 25 दिसंबर को हुए आखिरी मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने साल भर की उपलब्धियों को बताया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर श्रद्धांजलि दी थी। इसके साथ ही PM मोदी ने कहा कि हमने भारत से स्मॉलपॉक्स, पोलियो जैसी बीमारियों को खत्म करके दिखाया है। सबकी कोशिश से कालाजार नाम की ये बीमारी अब तेजी से खत्म हो रही है। इसी भावना से हमें भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करना है। आपने देखा होगा कि बीते दिनों जब टीबी मुक्त भारत अभियान शुरू हुआ, तो हजारों लोग मरीजों की मदद के लिए आगे आए।

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