– कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने मंदिरों में कपड़ों को लेकर चल रहे विवाद को विधर्मियों की चाल बताया। इतना ही नहीं उन्होंने मंदिर ड्रेस कोड विवाद की तुलना रावण से भी की है।
– जनप्रहरी एक्सप्रेस
पुष्कर. एक दिन पहले यानी बुधवार को उदयपुर से एक मामला सामने आया। जो था शहर के सबसे बड़े जगदीश मंदिर का। यहां मंदिर प्रबंधन की ओर से निर्णय लिया गया कि शॉर्ट टी शर्ट, शॉर्ट जींस, बरमुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट जैसी ड्रेस में आपको एंट्री नहीं मिलेगी। लेकिन, अब इस मुद्दे पर कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने सवाल उठाते हुए चुप्पी तोड़ी। प्रदीप मिश्रा ने कहा मंदिरों में भगवान कपड़े नहीं भाव और श्रद्धा देखते है। मिश्रा ने मंदिरों में कपड़ों को लेकर चल रहे विवाद को विधर्मियों की चाल बताया है। इतना ही नहीं उन्होंने मंदिर ड्रेस कोड विवाद की तुलना रावण से भी की है। दरअसल, तीर्थ नगरी पुष्कर में ब्रह्म शिव पुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार को दूसरे दिन तेज गर्मी और भीड़ के बावजूद श्रद्धालुओं ने कथा सुनी।
– विधर्मी, हिंदू युवाओं को मंदिर जाने से रोक रहे हैं
कथावाचक मिश्रा ने मंदिर में ड्रेस कोड विवाद को विधर्मियों की चाल बताया। उन्होंने कहा कि विधर्मी हिंदू धर्म की नई पीढ़ी को धर्म से विमुख करने का प्रयास कर रहे हैं। कथा में वे बोले विधर्मी लोग युवा पीढ़ी को मंदिर जाने से रोकना चाहते हैं। यदि भाषा, संस्कृति और कपड़ों के आधार पर मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी लगी, तो नई पीढ़ी मंदिर दर्शन करने नहीं जाएगी और, विधर्मियों की चाल कामयाब हो जाएगी। फिर इन्हें दूसरे धर्म में भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे व्यक्ति ही हमारे होकर भी विधर्मियों की चाल को नहीं समझ पाते।
– कपड़े तो रावण ने भी बदले थे
उन्होंने कहा कि भगवान कपड़े से कभी प्रसन्न नहीं हुए। मंदिर में भगवान श्रद्धा और भाव देखकर अपने भक्तों से प्रसन्न होते है। मिश्रा ने कहा कि कपड़े तो रावण ने भी बदले थे। रावण ने संत का चोला पहन कर उसे बदनाम कर दिया और इतना बदनाम किया कि कुंभ के मेले में सबसे पहले संत के चोले को धोया जाता है, फिर भी वो साफ नहीं हो पाता। पुष्कर के मेला ग्राउंड में आयोजित हो रही ब्रह्म शिव पुराण कथा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी आवक के चलते कथा पंडाल छोटा पड़ गया। पंडाल को विस्तार देने के लिए मेला ग्राउंड के बाहर क्षेत्रों तक टेंट तान दिए गए। इनके नीचे छाया में बैठकर देश भर से आए श्रद्धालु ब्रह्म शिवपुराण की कथा का सुन रहे हैं। सावन माह के चलते कथा सुनने आए भक्तों के लिए विभिन्न संस्थाओं और भामाशाह द्वारा सेवा कार्य किए जा रहे है। इसी क्रम में पुष्कर के भामाशाह परिवार कमल और हर्ष पाराशर परिवार द्वारा हजारों लीटर पानी की व्यवस्था जगह-जगह की गई है। इसके चलते कथा क्षेत्र में रोजाना 16 पानी के टैंकर लगाए गए हैं। इसके अलावा कथा स्थल पर 10 हजार पानी की बोतलें श्रोताओं के लिए उपलब्ध करवाई जा रही है।

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