– पत्रकारों की मांगों को लेकर जार राजस्थान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रेषित किये पत्रकार हितार्थ सुझाव, कांग्रेस जन घोषणा पत्र के वादों की तरफ ध्यान दिलाया
– जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। आगामी बजट सत्र में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून को पारित करवाने और राज्य के पत्रकारों का आवास का सपना पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) ने पत्र प्रेषित किया है। बजट सत्र को लेकर राज्य सरकार द्वारा सभी वर्गों से सुझाव मांगे गए हैं। जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) के  प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा, प्रदेश महासचिव संजय सैनी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे गए पत्र के साथ कांग्रेस जन घोषणा पत्र में पत्रकार कल्याण के लिए किए गए वादों का उल्लेख करते हुए बताया कि पत्रकार कल्याण की पांच मांगों में से एक आंशिक तौर पर पूरी हुई है,बाकि सभी मांगे चार साल बाद भी धरातल पर नहीं आ सकी। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, नगरीय विकास विभाग व गृह विभाग की लापरवाही या आपसी तालमेल नहीं होने के कारण पत्रकार समाज से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण मांगे पत्रकार सुरक्षा कानून, पत्रकार आवास योजना का क्रियान्वयन नहीं हो सका। पंजीकृत पत्रकार संघों को भूमि आवंटन के नियम-कायदे तय नहीं हो सके और ना ही पत्रकारों के अधिस्वीकरण के नियम सरल किए गए और ना ही डिजिटल पत्रकारों को इसमें शामिल किया गया। जार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कांग्रेस जन घोषणा पत्र के वादों को याद दिलाते हुए उक्त वादों को पूरा करने की मांग उठाई, साथ ही पत्रकार हितों से जुड़े अन्य मुद्दों के बारे में बताया। जार ने पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मियों को तय वेजबोर्ड के हिसाब से वेतन भत्ते दिलवाने, ग्रामीण संवाददाताओं को भी अधिस्वीकृत पत्रकार के लिए अलग से कोटा तय करने,मकान निर्माण हेतू कम ब्याज दर पर पत्रकारों को लोन उपलब्ध करवाने, ग्रामीण पत्रकारों के लिए आवास हेतु नगर पालिका/पंचायत समिति क्षेत्र में भी पत्रकार आवास योजना लागू करवाने, लघु समाचार पत्र दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक को  मुद्रणालय यंत्र व कार्यालय स्थापित करने के लिए राज्य में निकायों और रीको क्षेत्र में रियायती दर पर जमीन आवंटन करने, कम ब्याज दर पर मुद्रणालय यंत्र खरीदने, सभी समाचार पत्रों, मीडिया संस्थानों के कार्यालयों को एक ही छत के नीचे लाने के लिए दिल्ली की तर्ज जयपुर में बहुमंजिला मीडिया सेंटर बनाकर उन्हें कार्यालय आवंटित करने, पत्रकारों को पूर्व की भांति मेडिक्लेम पॉलिसी लागू करने या पत्रकारों को आरजीएचएस की सुविधा में शामिल करने, पत्रकारों को दिल्ली समेत सभी जिलों के सर्किट हाउस में रियायती दर पर ठहराव की सुविधा उपलब्ध करवाने, पूर्व की भांति पत्रकारों को लेपटॉप देने, वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि राशि प्राप्त करने की आयु साठ वर्ष से घटाकर 58 साल करने और पत्रकार अधिस्वीकरण का अनुभव पांच साल किए जाने, मीडियाकर्मियों के लेखन व अध्यापन के लिए सूचना केन्द्र में मीडिया सेंटर बनाने का सुझाव मुख्यमंत्री को दिया है।

– पत्रकार समाज की निम्न मांगे है:-

– कांग्रेस जन घोषणा पत्र में राजस्थान के सभी जिलों में स्थानीय निकाय, विकास प्राधिकरणों द्वारा पत्रकारों की लंबित आवासीय योजनाओं के समाधान हेतू सकारात्मक फैसले का वादा किया गया था। आवास योजना पत्रकारों के लिए सबसे अहम विषय है। आपकी सरकार और आपकी पहली केबिनेट मीटिंग में उक्त जन घोषणा पत्र को मंजूरी देने के बाद भी गत चार साल में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, नगरीय विकास विभाग राजस्थान में एक भी पत्रकार आवास योजना को मूर्तरुप नहीं दे पाया और ना ही सालों से लंबित नायला जयपुर समेत अन्य जिलों की लंबित आवास योजनाओं का समाधान करवा पाया। जयपुर की नायला आवास योजना समेत अन्य जिलों की लंबित योजनाएँ आपके समक्ष निर्णयााधीन है। आपके एक सकारात्मक आदेश से जयपुर समेत सभी जिलों की लंबित योजनाओं के सफल आवंटियों का आवास सपना साकार हो सकता है। आवास मुद्दे को लेकर जयपुर समेत सभी जिलों में पत्रकार समाज बराबर आवाज उठा रहा है। आपसे अनुरोध है कि जयपुर की नायला पत्रकार आवास योजना समेत अन्य जिलों में लंबित पत्रकार आवास योजनाओं के चयनित आवंटियों को भूखण्ड शीघ्रताशीघ्र मिले, इसके लिए आपके द्वारा कोई सकारात्मक निर्णय लेकर घोषणा की जाए। साथ ही आवास से वंचित पत्रकारों के लिए नई आवास योजनाएं सृजित की जाए।
– पत्रकारों की एक दूसरी सबसे बड़ी मांग पत्रकार सुरक्षा अधिनियम लागू करने की रही है। उक्त मांगे  कांग्रेस जन घोषणा पत्र में भी शामिल है। आपसे अनुरोध है कि आगामी बजट सत्र में पत्रकारों की सुरक्षार्थ पत्रकार सुरक्षा अधिनियम को विधानसभा में पारित करवाया जाए, ताकि पत्रकारों का सम्मान व सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
– कांग्रेस घोषणा पत्र में पंजीकृत पत्रकार संघों को भूमि आवंटन की घोषणा की गई, लेकिन आज तक उक्त घोषणा को लेकर कोई नियम-कायदे तय नहीं हो पाए और ना ही किसी पत्रकार संघ को भूमि आवंटन के बारे में जानकारी दी गई। आपसे अनुरोध है कि उक्त घोषणा के संबंध में नियम-कायदे तय किए जाए।
– कांग्रेस जन घोषणा पत्र में पत्रकार अधिस्वीकरण के नियमों की समीक्षा/सरलीकरण, डिजिटल पत्रकारों का भी अधिस्वीकरण कार्ड बनाए जाने, लघु समेत सभी समाचार पत्रों के विज्ञापन के नियमों की समीक्षा व सरलीकरण के वादे को लेकर भी सूचना व जनसंपर्क विभाग कुछ कर नहीं पाया है। जिसके चलते पत्रकारों को अधिस्वीकरण और समाचार पत्रों को विज्ञापन का लाभ नहीं मिल पाया। लघु समाचार पत्रों के तय विज्ञापन कोटा दुगुना जरुर किया है। आपसे अनुरोध है कि डिजिटल मीडिया के पत्रकारों, उपखण्ड स्तर के ग्रामीण पत्रकारों के अधिस्वीकरण की घोषणा की जाए।
– पत्रकारों और गैर पत्रकार कर्मियों को तय वेजबोर्ड के हिसाब से वेतन भत्ते मिले, इसके लिए भारत सरकार और राज्य सरकार विज्ञापन मान्यता प्रदान करके समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों को नियमित विज्ञापन देती है। रियायती दर पर भूखण्ड आवंटन समेत अन्य सुविधाएं प्रदान करती है। सरकार द्वारा इतना करने के बाद भी समाचार पत्र, न्यूज चैनल संचालकों द्वारा वेजबोर्ड की सिफारिशों के मुताबिक वेतन नहीं दिया जा रहा है और ना ही पीएफ, ग्रेच्यूटी जैसे कानूनन प्रावधान लागू कर रखे हैं। आपसे अनुरोध है कि विज्ञापन मान्यता प्राप्त समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों के पत्रकारों और गैर पत्रकारों को तय वेजबोर्ड के मुताबिक वेतन-भत्ते मिले, इसके लिए हर साल नियमित तौर पर समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में कार्यरत पत्रकारों व कर्मियों की जांच करवाई जाए। ऑडिट रिपोर्ट की सक्षम एजेंसी से जांच करवाई जाए। विज्ञापन मान्यता के नियमों और वेजबोर्ड के मुताबिक वेतन-भत्ते नहीं देने वाले समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों की विज्ञापन मान्यता रद्द की जाए। नहीं दे रहे हैं। जिलों में कार्यरत जिला ब्यूरो व ग्रामीण संवाददाताओं को वेजबोर्ड के मुताबिक वेतनमान तय किए जाने के प्रावधान किए जाए। ग्रामीण संवाददाताओं को भी अधिस्वीकृत पत्रकार के लिए अलग से कोटा तय किया जाए। मेडिकल व दूसरे अन्य सेवाओं से इन्हें भी लाभांवित करने के नियम बनाए जाए।
– बजट में पत्रकारों के मकान निर्माण हेतू कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने के प्रावधान जोड़े जाए। ग्रामीण पत्रकारों के लिए आवास हेतु नगर पालिका/पंचायत समिति क्षेत्र में भी पत्रकार आवास योजना लागू की जाए।
– बजट में लघु व मझौले समाचार पत्रों (दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक व मासिक) को  मुद्रणालय यंत्र व कार्यालय स्थापित करने के लिए राज्य में निकायों और रीको क्षेत्र में रियायती दर पर जमीन आवंटन करने, कम ब्याज दर पर मुद्रणालय यंत्र खरीदने के प्रावधान की घोषणा की जाए।
– सभी समाचार पत्रों, मीडिया संस्थानों के कार्यालयों को एक ही छत के नीचे लाने के लिए दिल्ली की तर्ज जयपुर में बहुमंजिला मीडिया सेंटर बनाकर उन्हें कार्यालय आवंटित किए जाए।
– आपसे अनुरोध है कि पत्रकारों को पूर्व की भांति मेडिक्लेम पॉलिसी लागू की जाए या पत्रकारों को आरजीएचएस की सुविधा में शामिल किया जाए।
– राजस्थान के पत्रकारों को दिल्ली समेत सभी जिलों के सर्किट हाउस में रियायती दर पर ठहराव की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
– पूर्व की भांति पत्रकारों को लेपटॉप दिए जाने की घोषणा की जाए।
– स्टेट हाइवे पर पत्रकारों के वाहनों को टोल फ्री किया जाए।
– वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि राशि प्राप्त करने की आयु साठ वर्ष से घटाकर 58 साल की जाए और पत्रकार अधिस्वीकरण कार्ड का अनुभव पांच साल निर्धारित किया जाए।

– बजट में मीडियाकर्मियों के लेखन और अध्यापन के लिए सूचना केन्द्र में मीडिया सेंटर की घोषणा की जाए।

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