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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान को हैल्दी स्टेट बनाने के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर एक सघन जागरूकता अभियान चलाने के लिए कार्य योजना बनाए। इसमें स्वस्थ लीवर, हिपेटाइटिस बी एवं सी से बचाव सहित स्वास्थ्य के अन्य मानकों को शामिल करते हुए एक ऎसा कार्यक्रम तैयार करें, जिसके माध्यम से प्रदेश को रोग मुक्त बनाया जा सके। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सब गु्रप गठित किया जाए।

गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जाने-माने गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट एवं इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एण्ड बाइलरी साइंसेज के निदेशक डॉ. एस.के. सरीन द्वारा लीवर एवं स्वास्थ्य के अन्य मानकों को लेकर दिए गए प्रस्तुतीकरण के दौरान दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य एवं बेहतर शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में ऎसे जागरूकता कार्यक्रम बेहतर स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, कॉलेजों सहित अन्य शिक्षण संस्थाओं एवं चिकित्सा संस्थानों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जाए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में यह जागरूकता अभियान पूरे प्रदेश में संचालित किया जाए।
गहलोत ने कहा कि हिपेटाइटिस बी एवं सी को लेकर समाज में जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करने में यह अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लीवर हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। राज्य में हिपेटाइटिस के अनिवार्य टीकाकरण को लेकर योजना बनाने के साथ ही हिपेटाइटिस रोगी सामान्य जीवन जी सके, इसके लिए कानूनी प्रावधानों पर भी विचार किया जाए।

बैठक में डॉ. सरीन ने लीवर के स्वास्थ्य एवं हिपेटाइटिस पर प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि लीवर से संबंधित रोगों से बचाव के लिए समाज में जागरूकता आवश्यक है। साथ ही हिपेटाइटिस को लेकर लोगों की मानसिकता में बदलाव बेहद जरूरी है। इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा, मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शिक्षा और आयोजना विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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