दिल्ली/ जयपुर. पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि बीजेपी के अहम और घमंड की अति हो गई है। बीजेपी ने ऐसा माहौल बना दिया, जैसे हम राम भक्त नहीं हैं। पूरा देश सदियों से राम भक्त है। पहले ये हिंदु-मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटते थे, अब तो ये हिंदुओं और राम भक्तों को ही बांटने में लग गए हैं। हिंदुओं और राम भक्तों को दो हिस्सों में बांटना उचित है क्या? उन्होंने कहा- जो आपकी पार्टी में है वो राम भक्त हैं। जो आपकी पार्टी में नहीं हैं। वह राम भक्त नहीं हैं। सर्टिफिकेट आप दे रहे हो, यह कहां की समझदारी है? गहलोत ने कहा, आप होते कौन हो यह कहने वाले कि आप राम भक्त हो कि नहीं। आपको यह लाइसेंस किसने दिया कि आप कहो कि राम भक्त नहीं हो। हर गांव में हनुमान जी, राम और शिवजी के मंदिर बने हुए हैं। सब लोग आस्था रखते हैं। दरअसल, गहलोत दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।गहलोत ने कहा- मैं जब गुजरात का प्रभारी था। उस समय भी मोदी जी ने पानी पर जहाज उतारा था। अब ये रामेश्वरम, द्वारका जाकर पानी में डाइव लगा रहे हैं। ये तमाम बातें धार्मिक कम हैं। इनका चुनावी एंगल ज्यादा है। जनता को मैसेज देने और चुनाव जीतने की कोशिश है। देश इसे इसी रूप में समझ भी रहा है। देश समझ रहा है, हद हो गई है। ये पांच साल तक कैंपेन करते रहते हैं, इनके पास दूसरा काम नहीं है देश चलाने के लिए। देश किसके भरोसे चल रहा है, पता ही नहीं है। गहलोत ने कहा- राजस्थान में आप देख लीजिए, चीफ सेक्रेटरी सरकार चला रहे हैं। डिफैक्टो (व्यवहार में) सीएम तो चीफ सेक्रेटरी है। मंत्री तो अपने पीएस (पर्सनल सेक्रेटरी) तक मर्जी से नहीं लगवा पा रहे हैं। ये मैं नहीं कह रहा, यह पूरा प्रदेश कह रहा है। ये इस तरह धीरे-धीरे राज्यों पर कब्जे कर रहे हैं। संविधान में मुख्यमंत्री और मंत्री शपथ लेता है तो उसके हिसाब से उन्हें काम करने देना चाहिए। ये रिमोट से राज्यों को चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा- पर्चियों से सीएम बना दिए, लेकिन उनके संविधान में जो लिखा है। उसके हिसाब से काम करना होता है। जो अधिकार हैं, उनके हिसाब से काम तो करने दीजिए। आप सीएम को हटा सकते हैं। सीएम मंत्री को हटा सकता है। लेकिन संविधान में जो शपथ ली है। उसके हिसाब से काम तो करने दीजिए। एक नई तानाशाही प्रवृति सामने आ रही है। इसलिए लोग कहने लगे हैं कि ये चुनाव जीत गए तो आगे चुनाव होंगे भी या नहीं। सबको भुगतना पड़ेगा, यह समझने की जरूरत है। गहलोत ने कहा- मोदी सरकार ने कल बैठक कर चुनाव होने से पूर्व ही अगली सरकार के 100 दिन की कार्ययोजना और अगले 25 साल पर चर्चा कर जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया है। पिछले दोनों चुनावों के घोषणा पत्रों की घोषणाओं की क्रियान्विति रिपोर्ट आज तक नहीं दी है। मोदी सरकार पहले अपने 2014 और 2019 के वादों का हिसाब दे। क्योंकि 2014 में 100 दिन में विदेश से कालाधन वापस लाने और 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष जैसे जुमलों को जनता अभी भूली नहीं है। गहलोत ने कहा- इस देश की जनता समझदार है। इंदिरा गांधी चुनाव हार गईं थी, कानों कान खबर नहीं लगी पता ही नहीं चला। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में फीलगुड हो रहा था। इंडिया शाइनिंग का नारा दिया, लेकिन जनता ने उन्हें हरा दिया। कल क्या होगा यह कोई नहीं कह सकता, वक्त बताएगा। राहुल गांधी की यात्रा को शानदार रेस्पोंस मिल रहा है। देश के बड़े मुद्दों को लेकर राहुल गांधी यात्रा निकाल रहे हैं, ये लोग असली मुद्दों से भटकाकर राजनीति करना चाहते हैं। राजस्थान में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी,हम तैयारी में लगे हैं।

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