जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विकसित देशों की तरह जरूरतमंद, असहाय एवं वंचित वर्ग को स्वस्थ एवं सम्मानपूर्वक जीवन यापन की सुविधा देने तथा अमीरी-गरीबी की खाई को पाटने के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने का समय आ गया है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना इसी दिशा में राजस्थान सरकार का ऎतिहासिक कदम है, जो प्रदेश के लोगों को इलाज के भारी भरकम खर्च की चिंता से मुक्त कर देगा।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एवं 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए निःशुल्क टीकाकरण का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने योजना की वेबसाइटchiranjeevi.rajasthan.gov.in का शुभारंभ किया। उन्होंने इस दौरान जयपुर, अजमेर और जोधपुर में टीका लगवाने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवाओं से संवाद किया। इस अवसर पर इन तीनों जिलों के चयनित लाभार्थियों को चिरंजीवी योजना के पॉलिसी दस्तावेज भी वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा और जांच योजना के बाद हर प्रदेशवासी को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के उद्देश्य से यूनिवर्सल स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने वाला राजस्थान देश का अग्रणी राज्य है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के नेतृत्व में देश मेें सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिकार आधारित युग की शुरूआत हुई। उस समय देशवासियों को सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा और महात्मा गांधी नरेगा जैसे अधिकार आधारित कार्यक्रमोें की सौगात दी गई। मनरेगा जैसा कार्यक्रम कोविड संकट में गरीब वर्ग के लिए वरदान साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य का अधिकार देने की दिशा में हमने चिरंजीवी योजना लागू की है। अन्य राज्य और केन्द्र सरकार भी ऎसी योजना पर विचार कर सकते हैं।
गहलोत ने कहा कि इस योजना का लाभ हर राजस्थान वासी तक पहुंचाने के लिए सभी परिवारों का पंजीयन आवश्यक है। इसके लिए पंजीयन की तिथि 30 अप्रेल से बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है। लोगों से अपील है कि वे अपने परिवार का पंजीयन आवश्यक रूप से कराएं और अन्य लोगों को योजना की जानकारी देकर पंजीयन के लिए प्रेरित करें और इसमें सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान में 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए कहा कि इतिहास रहा है कि महामारी से बचाव के लिए हमेशा टीकाकरण निःशुल्क किया गया है। भारत में सभी आयु वर्ग के लोगों को कोविड-19 टीकाकरण निःशुल्क किये जाने के लिए हमने केन्द्र सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से मांग रखी थी, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा मांग नहीं माने जाने पर राज्य सरकार ने स्वयं 3 हजार करोड़ रूपए का वित्तीय भार वहन करते हुए 18-45 वर्ष के आयु वर्ग को भी निःशुल्क टीकाकरण की योजना बनाई है।
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए बेहतरीन प्रबंधन कर रही है। इसके लिए हम संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने दे रहे हैं, हमारा पूरा प्रयास है कि हर कोविड रोगी को समुचित उपचार मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रोगियों के इलाज के लिए जी-जान से जुटी हुई है, लेकिन संक्रमण की चेन जनता के सहयोग के बिना नहीं टूट सकती। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई गाइडलाइन्स की कड़ाई से पालना करें। आपका सहयोग ही हमें इस महामारी से जीत दिला पाएगा।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री की सोच है कि प्रदेश का हर व्यक्ति निरोगी और इलाज के खर्च की चिंता से मुक्त हो। चिरंजीवी योजना इसी दिशा में उठाया गया क्रांतिकारी कदम है। स्वास्थ्य बीमा की इस अनूठी योजना में प्रदेशवासियों को पंजीयन के समय स्वास्थ्य जांच, परिवार के सदस्याेंं की संख्या, एक निश्चित अवधि बाद ही बीमा का लाभ मिलने जैसी जटिलताओं से मुक्त रखा है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए टीकाकरण प्रारम्भ हो गया है। वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर इसे व्यापक रूप दिया जाएगा।
य संसाधनों की कमी के बावजूद 6500 करोड़ खर्च कर देंगे स्वास्थ्य सुरक्षा

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