-गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिमण्डल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में जो नेता सीएम के चेहरे बने हुए हैं, उनका लेवल क्या है? वसुंधरा राजे असली सीएम का चेहरा हैं। उसे तो इन्होंने छिपा रखा है। जयपुर में इन्होंने घेराव किया और दो लाख का दावा कर रहे थे। जबकि उसमें 15 से 20 हजार लोग ही आए। उस घेराव में वसुंधरा राजे क्यों नहीं आईं? उनको क्यों छुपा रखा है? दो बार मुख्यमंत्री रही हैं। लाओ आगे उसको, अगर मुकाबला करना है। तुमसे तो मुकाबला होगा नहीं। गहलोत सीएम हाउस पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। गहलोत ने कहा ये कहते हैं मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। चुनाव राजस्थान विधानसभा का हो रहा है। देश के प्रधानमंत्री को चेहरा बनाएंगे। ये इतने नाकाबिल लोग हैं। जो कहते हैं कि पीएम के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। मैं तो राजस्थान में जो काम किए हैं। उसके आधार पर चुनाव लड़ूंगा। मोदी तो अंतर्राष्ट्रीय नेता हैं, विश्व गुरू हैं। उनको क्यों ला रहे हो? इनके जो मुख्यमंत्री के चेहरे बने हुए हैं, क्या ये लोग मुख्यमंत्री के चेहरे के लायक हैं? क्या आपको राजस्थान की जनता स्वीकार करेगी? गहलोत ने कहा यहां बीजेपी के नेता 25 साल में भी चेहरे नहीं बन पाए। चार-पांच चुनाव जीतने के बावजूद भी इनका हाईकमान इन्हें अंडरएस्टीमेट कर रहा है। तुम में इतनी भी क्षमता पैदा नहीं हुई है। इतने काबिल नहीं हो कि आपका चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ा जाए। मोदी के चेहरे पर इलेक्शन लड़ेंगे। गहलोत ने कहा मुझ पर आरोप लगा रहे हैं कि मेरी सरकार बचाई। इसलिए मैं इस तरह की बातें बोल रहा हूं। वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने मेरी सरकार नहीं बचाई। उन्होंने अपना व्यू दिया था कि हमारे यहां हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है। जैसे महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सरकार गिराई। यह कहना क्या गलत था? उन्होंने ठीक कहा। मैं तो उनका स्वागत करता हूं। वसुंधरा राजे हों, चाहे कैलाश मेघवाल हों। अगर आगे आकर कहते हैं कि हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार गिराने की हमारी परंपरा नहीं रही। उसके बाद उनके लिए क्या कहूं। वह बात मैंने कही थी। उसको तो इन्होंने पीछे कर रखा है। बाकी चारों को आगे कर रखा है। आने वाले चुनाव में अब देखेंगे इनको जनता जवाब देगी। गहलोत ने कहा बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को चोट नहीं लगी हुई है। मैंने जानबूझकर पट्टा बांध रखा है। बीजेपी नेता कहें तो मेरी सीटी स्कैन रिपोर्ट भेज दूं। ये इतने बेशर्म लोग हैं। इन्हें शर्म भी नहीं आती कि अपने राज्य के मुख्यमंत्री की चोट के बारे में इस तरह के कमेंट कर रहे हैं। कह रहे हैं कि गहलोत ने जानबूझकर पट्टा बांधा हुआ है। बीजेपी वालों को डर लग रहा है कि जिस तरह ममता बनर्जी व्हीलचेयर पर घूम रही थी, चुनाव जीत गई। इन्हें लगता है कि अशोक गहलोत भी व्हीलचेयर पर घूमकर कहीं चुनाव नहीं जीत जाए। मेरे दोनों पैरों में फ्रैक्चर है। एक पैर में अंगूठे के तीन टुकड़े हो गए और एक में हेयर लाइन फ्रैक्चर है। गहलोत ने कहा बीजेपी नेता यह भी कह रहे हैं कि 7 तारीख को कोर्ट नहीं जाना पड़े, इसलिए पट्टा बांध रखा है। मानहानि केस कर रखा है। गजेंद्र सिंह शेखावत और उनका पूरा परिवार संजीवनी घोटाले में आरोपी है। इसमें गलत क्या कह दिया। उस बात पर आज भी कायम हूं। एसओजी रिपोर्ट के आधार पर बातें कहीं थी। मैंने तो मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमे का उसी दिन स्वागत किया था। संजीवनी घोटाले के पीड़ित मेरे पास आए थे तो मेरी आंखों में आंसू आ गए थे। आज भी गजेंद्र शेखावत पीड़ितों का पैसा दिला दें। वे क्यों नहीं बोल रहे हैं। गहलोत ने कहा बीजेपी में कई ऐसे नेता भी सीएम का चेहरा बने हुए हैं। जो भैरोसिंह शेखावत की सरकार गिराने के षडयंत्र में शामिल थे। शेखावत जब अमेरिका इलाज के लिए गए थे तो लोग मेरे पास भी आए थे कि सरकार गिराने में मदद कीजिए। साफ मना कर दिया था। उस समय मैं पीसीसी अध्यक्ष था।
-3 नए संभाग और 19 नए जिलों के गठन से आमजन को सुविधा होगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 3 नए संभाग और 19 नए जिलों के गठन से आमजन को सुविधा होगी, साथ ही, प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण होने से प्रशासनिक व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। नए जिले बनने से प्रदेश का विकास अधिक तेज गति से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि नए जिलों के सम्बन्ध में पूर्व आईएएस अधिकारी रामलुभाया की अध्यक्षता में गठित कमेटी का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया था। इस कमेटी की अनुशंसा पर प्रदेश में और जिले भी गठित हो सकेंगे। गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिमण्डल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में नवगठित जिलों के सीमांकन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है। आगामी 7 अगस्त को प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में इन जिलों का विधिवत रूप से स्थापना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की जनसंख्या एवं भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए नई प्रशासनिक इकाइयों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिलों का आकार बड़ा होने से जहां कलक्टर्स को प्रशासनिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वहीं पुलिस अधिकारियों को भी कानून व्यवस्था बनाये रखने में परेशानी होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नये संभाग और जिलों के गठन का प्रदेशवासियों ने स्वागत किया है। जमीन सम्बन्धी और दीवानी मामलों के लिए दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों का समय भी नये जिलों का गठन होने से बचेगा। साथ ही, प्रशासनिक अधिकारियों को भी विकास और निवेश सम्बन्धित प्लानिंग में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि नवगठित जिलों में पहले ही विशेषाधिकारी लगाकर काम शुरू कर दिया गया था। राज्य सरकार ने नए जिलों के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उन्होंने अन्य राज्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में 95 जिले 5 लाख से कम आबादी वाले हैं। पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश की जनसंख्या लगभग 7.70 करोड़ है, और वहां 53 जिले हैं। इसी प्रकार, छत्तीसगढ़ में 2.56 करोड़ की जनसंख्या पर 33 जिले हैं। उन्होंने कहा कि नये जिलों के लिए अधिकारियों की कमी नहीं आने दी जाएगी। नये जिलों का गठन होने के बाद इनमें विभिन्न पदों के लिए भर्तियां भी होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े चार वर्ष में 1284 नए गांव बनाये गए हैं। साथ ही, 96 पटवार मंडल, 32 भू-अभिलेख निरीक्षक सर्किल, 125 उप तहसील, 85 तहसील, 35 उपखण्ड कार्यालय, 13 एडीएम कार्यालय एवं एक सहायक कलक्टर कार्यालय खोले गए है। वहीं, 1035 नये पटवार मंडल बनाने की घोषणा की गई है। राज्य में 19 नये जिले अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुरसिटी, जयपुर, जयपुर (ग्रामीण), केकड़ी, जोधपुर, जोधपुर (ग्रामीण), कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीम का थाना, फलौदी, सलूम्बर, सांचैर एवं शाहपुरा बनाये गए हैं। डीडवाना-कुचामन जिले में मिनी सचिवालय भवन तैयार होने तक जिला कलक्टर कार्यालय अस्थाई रूप से डीडवाना से संचालित किया जाएगा। वहीं, भिवाड़ी मुख्यालय पर वर्तमान में स्थापित जिला स्तरीय कार्यालय यथा-पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी, जिला उद्योग केन्द्र आदि यथावत कार्य करते रहेंगे। खैरथल-तिजारा में नवीन कार्यालयों की स्थापना होगी।

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