Jantar Mantar, study, astrology
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जयपुर। जंतर-मंतर में आज ज्योतिष की विभिन्न विधाए विषय पर दो दिवसीय सेमिनार की शुरूआत हुई। राजस्थान सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है। सेमिनार के दौरान देशभर से कई प्रसिद्ध ज्योतिषी शामिल हुए और ज्योतिष के बारे में गहराई से चर्चा की गई।

मंत्रोच्चार व द्वीप प्रज्जवलन के साथ सेमिनार की विधिवत शुरूआत हुई। इसके बाद मंच पर मौजूद अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। इनमें प्रोफेसर रामपाल शर्मा, पंडित देवर्षि कलानाथ शास्त्री, प्रोफेसर डॉ. विनोद शास्त्री और पंडित चंद्रशेखर शर्मा शामिल थे। इस अवसर पर उपस्थित पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशकए श्री हृदेश शर्मा ने ज्योतिष के अध्ययन के महत्व के बारे में बताया कि वर्तमान में इसके विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है। सेमीनार के दौरान ज्योतिषियों द्वारा ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

उन्होंने कहा कि अक्सर लोग ज्योतिष में गहरी रुचि लेते हैं और अपने करियर, जीवन, विवाह, धन-दौलत और स्वास्थ्य जैसे मामलों में भविष्य की संभावनाएं जानने के लिए ज्योतिषीय जानकारी प्राप्त करते हैं जबकि ज्योतिष अत्यंत ही गहन विज्ञान है। ज्योतिष आचार्य एवं संस्कृत के प्रोफेसर पंडित देवर्षि कलानाथ शास्त्री जी ने ज्योतिष के इतिहास के बारे में बताया उन्होंने कहाँ कि ज्योतिष में गुलाबी शहर की प्रमुख भूमिका रही है और इसे ज्योतिष नगरी भी कहा जाता है। इस सेमीनार का आयोजन स्थल जंतर-मंतर अत्यंत लोकप्रिय स्मारक और यूनेस्को साइट है। यह स्थान भारतीय खगोल विज्ञान की प्रगति के प्रभावी प्रमाणों में से एक है। यह सेमिनार कल 24 अप्रेल को भी जारी रहेगी। कल इसमें कई सेशन आयोजित किए जाएंगे और दिन में पर्यटकों के लिए निशुल्क एस्ट्रोलॉजिकल रीडिंग सेशन का आयोजन भी किया जाएगा।

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