Air pollution

नयी दिल्ली:  वायु प्रदूषण पर आये एक नये अध्ययन ने चेतावनी दी है कि इसका उच्च स्तर किशोरों के बीच आपराधिक व्यवहार के खतरे को बढ़ा सकते हैं । अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि वायु प्रदूषण के उच्चतम स्तर की वजह से छोटे और विषैले कण विकसित हो रहे मस्तिष्क में प्रवेश कर जाते हैं, इससे मस्तिष्क में सूजन होता है जिससे भावना और फैसले लेने के लिए जिम्मेदार मस्तिष्क के हिस्से को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने बताया कि यह अनुसंधान स्वच्छ हवा के महत्व को बताने वाली एक चेतावनी है और यह बताता है कि शहरी क्षेत्रों में पौधों की कितनी जरूरत है।

इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाली अनुसंधानकर्ता डायना योनान के अनुसार प्रदूषण के लिए जिम्मेदार छोटे कणों को पार्टिकुलेट मेटर (पीएम 2.5) भी कहा जाता है। यह कण एक बाल के किनारे से भी 30 गुणा छोटा होता है। ये कण स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया की रिसर्च एसोसिएट योनान ने कहा, ‘ये छोटे विषैले कण हमारे शरीर में प्रवेश करके हमारे फेफड़ों और दिल को प्रभावित करते हैं।’ उन्होंने बताया, ‘ पीएम 2.5 खासकर के विकसित हो रहे मस्तिष्क के लिए नुकसानदायक होते हैं क्योंकि यह मस्तिष्क की संरचना और तंत्रिका तंत्र को क्षति पहुंचाने के साथ ही जैसा कि हमार अध्ययन बताता है कि इससे किशोरों के व्यवहार भी प्रभावित होते हैं।’ यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ एबनॉर्मल चाइल्ड साइकोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है।

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