Signs of the Reserve Bank meeting are being used with caution: report

delhi. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक तथा देना बैंक के विलय के लिए विलय योजना को अपनी मंजूरी दे दी है। बैंक ऑफ बड़ौदाहस्‍तांतरिती बैंक होगा और विजया बैंक तथा देना बैंक हस्‍तांतरणकर्ता बैंक होंगे। भारत में पहली बार यह त्रिपक्षीय विलय होगा। विलय के बाद यह बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा। विलय से बैंक को मजबूत वैश्विक स्‍पर्धी बैंक बनने में मदद मिलेगी। आकार और आपसी समन्‍वय की दृष्टि से बैंक को एक-दूसरे के नेटवर्कों, कम लागत की जमा और तीनों बैंकों की सहायक संस्‍थाओं की शक्तियों का लाभ मिलेगा और इसका उपभोक्‍ता आधार, बाजार पहुंच, संचालन क्षमता, उत्‍पाद और सेवा आधार में बढ़ोतरी होगी।

विलय योजना के प्रमुख बिन्‍दु :-
– विजया बैंक और देना बैंक हस्‍तांतरणकर्ता बैंक हैं और बैंक ऑफ बड़ौदा हस्‍तांतरिती बैंक है।
– योजना 01.04.2019 से प्रभावी होगी।
– योजना प्रारंभ होने पर हस्‍तांतरणकर्ता बैंकों के सभी व्‍यवसाय हस्‍तांतरिती बैंक को हस्‍तांतरित कर दिये जाएंगे और हस्‍तांतरिती बैंक के पास सभी व्‍यवसाय परिसम्‍पत्तियां, अधिकार, स्‍वामित्‍व, दावे, लाइसेंस, स्‍वीकृतियां, अन्‍य विशेषा‍धिकार और सभी सम्‍पत्ति, सभी उधारी, देनदारियां और दायित्‍व होंगे।
– हस्‍तांतरणकर्ता बैंक के सभी स्‍थायी और नियमित अधिकारी या कर्मचारी हस्‍तांतरिती बैंक में अधिकारी और कर्मचारी होंगे। हस्‍तांतरिती बैंक में उनकी सेवा में दिये जाने वाले वेतन और भत्‍ते हस्‍तांतरणकर्ता बैंकों के अपने-अपने वेतन और भत्‍ते से कम आकर्षक नहीं होंगे।
– हस्‍तांतरिती बैंक का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि हस्‍तांतरित होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के हित सुरक्षित है।
– हस्‍तांतरिती बैंक हस्‍तांतरणकर्ता बैंक के शेयर धारकों को शेयर अदला-बदली अनुपात के अनुसार शेयर जारी करेगा। हस्‍तांतरिती बैंक तथा हस्‍तांतरणकर्ता बैंकों के शेयर धारक शेयर अदला-बदली अनुपात के संबंध में यदि कोई शिकायत है, तो उसे विशेषज्ञ समिति के माध्‍यम से उठाने में सक्षम होंगे।

विलय के बाद बैंक की शक्तियां:
विलय के बाद बैंक बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था की ऋण जरूरतों को पूरा करने, आघात सहन करने और संसाधन बढ़ाने की क्षमता को पूरा करने में बेहतर तरीके से लैस होगा। बैंक का व्‍यवसाय आकार बढ़ेगा और व्‍यापकता, मुनाफा, व्‍यापक उत्‍पाद पेशकश, टेक्‍नोलॉजी अपनाने और श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों की दृष्टि से सुधार होगा और व्‍यापक पहुंच के माध्‍यम से लागत क्षमता, सुधरा हुआ जोखिम प्रबंधन और वित्‍तीय समावेश होगा। विलय से वैश्विक बैंकों की तुलना में बड़े आकार का बैंक बनेगा, जो भारत और विश्‍व में क्षमता के साथ स्‍पर्धा में सक्षम होगा।
प्रत्‍येक बैंक की स्थिति –कम लागत सीएएसए जमा में देना बैंक की ऊंची पहुंच, विजिया बैंक का मुनाफा और पूंजी उपलब्‍धता तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की व्‍यापकता, वैश्विक नेटवर्क और पेशकश से बाजार पहुंच, संचालन क्षमता और व्‍यापक उत्‍पाद और सेवा देने के संदर्भ में लाभ होगा।
बैंकों के विलय के बाद प्रतिभा का व्‍यापक पूल प्राप्‍त होगा और बड़ा डाटाबेस मिलेगा, जिसका लाभ तेजी से डिजिकृत हो रही बैंकिंग प्रणाली में स्‍पर्धी लाभ लेने के लिए उठाया जा सकता है। व्‍यापक पहुंच के कारण लाभ में प्रवाह आएगा। वितरण नेटवर्क बढ़ेगा और सहायक संस्‍थाओं के साथ उत्‍पाद और सेवाओं के लिए वितरण लागत में कमी आएगी।
जन साधारण की पहुंच मजबूत नेटवर्क के माध्‍यम से व्‍यापक बैंकिंग सेवाओं तक होगी और उन्‍हें विभिन्‍न प्रकार के उत्‍पाद सेवाएं मिलेगी तथा उनके लिए ऋण सहजता होगी।

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