जयपुर। एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 ने पट्टा जारी कराने की एवज में दो लाख रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार हेरिटेज नगर निगम की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर की पुलिस रिमांड की अवधि को एक दिन के लिए बढा दिया है। वहीं अदालत ने मामले के दोनों दलाल नारायण सिंह व अनिल को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद एसीबी के एडिशनल एसपी राजेन्द्र नैन ने कहा कि उन्हें मामले में कुछ देर पहले ही अनुसंधान सौंपा गया है। ऐसे में आरोपियों का आमना-सामना करवाकर उनसे पूछताछ करनी है। सुशील के यहां से एक कंप्यूटर भी जब्त हुआ है, उसके बारे में भी पूछताछ करनी है। इसलिए आरोपियों का तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया जाए। जवाब में आरोपियों के अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा कि यह बडी हास्यास्पद स्थिति है कि तीन दिन से आरोपी एसीबी के पास हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक इन्हें आमने-सामने बिठाकर पूछताछ नहीं की है। इससे स्पष्ट है कि ये अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। यदि आईओ को आधा घंटे पहले केस का अनुसंधान मिला है तो यह रिमांड का आधार नहीं है। वहीं जब्त किए गए कंप्यूटर से साक्ष्य जुटाने में भी आरोपी की जरूरत नहीं है। क्योंकि कंप्यूटर एक्सपर्ट या एफएसएल के जरिए ही इसका पता चलेगा। अनुसंधान अधिकारी की ओर से बताए गए आधारों पर रिमांड की अवधि को नहीं बढ़ाया जा सकता। इसलिए तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निलंबित मेयर के पति सुशील को एक दिन के पुलिस रिमांड पर और बाकी दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गौरतलब है कि रिश्वत लेकर पट्टा जारी करने के आरोप में सुशील गुर्जर सहित दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं शनिवार को एसीबी ने आरोपियों का रिमांड मांगते हुए कहा था कि सर्च में मिले रुपए के बारे में आरोपियों से पूछताछ करनी है। इसके अलावा पट्टे जारी करने में सुशील गुर्जर की भूमिका की भी जांच करनी है। जिस पर अदालत ने आरोपियों को दो दिन की पुलिस रिमांड पर एसीबी को सौंपा था। वहीं दूसरी ओर अदालत ने पीएचईडी विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार एक्सईएन मायालाल सैनी, जेईएन प्रदीप, ठेकेदार पदम चंद, कंपनी सुपरवाइजर मलकेश सिंह और दलाल प्रवीण कुमार को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर एसीबी को सौंपा है।

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