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राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह 2018
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमने एक उन्नत, समृद्ध और प्रगतिशील राजस्थान का सपना देखा है जो प्रदेश के सभी शिक्षकों के सहयोग और योगदान से पूरा होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक नए राजस्थान के आर्किटेक्ट बनें और अपने काबिल कन्धों पर जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश का भविष्य संवारने का काम करें।
राजे बुधवार को अमरूदों का बाग में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में प्रदेशभर से आए हजारों शिक्षको को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित प्रदेश ही विकसित प्रदेश बन सकता है और यह शिक्षकांे की मेहनत से ही संभव है। उन्होंने समारोह में सभी शिक्षकों का वंदन करते हुए कहा कि आपकी ही मेहनत और लगन से प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में आज देशभर में 26वें स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में सैकण्डरी बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम जो 2013-14 में 58 प्रतिशत था, वह 2017-18 में बढ़कर 80 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार 12वीं कला का परिणाम 83 से 89 प्रतिशत, 12वीं वाणिज्य का परिणाम 86 से 91 तथा 12वीं विज्ञान का परिणाम 72 से बढ़कर 87 प्रतिशत तक पहंुच गया है।
राजे ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ी है और इसी का परिणाम है कि निजी स्कूलें छोड़कर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण काम नहीं था परन्तु शिक्षकों ने अपने घर से दूर रहकर भी शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के उत्थान के लिए 78 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गयी है। वर्तमान में 87 हजार से अधिक पदों पर और भर्तियां की जा रही हैं जिसके बाद मात्र दो से तीन प्रतिशत पद ही खाली रह जाएंगे। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि पांच साल में शिक्षा में सुधार के जो काम शुरू हुए हैं, उन्हें चालू रखें। राजे ने कहा कि शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के लिए 720 सैकंडरी और सीनियर सैकंडरी स्कूलों में 10 ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स शुरू किए गए हैं। वर्ष 2018-19 में 185 और नए स्कूलों में भी व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स शुरू किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि बीएड और बीएसटीसी के 2 लाख विद्यार्थियों को भी सरकारी स्कूलों में इंटर्नशिप के लिए लगाया गया है ताकि अच्छे शिक्षक तैयार हो सकें।
मुख्यमंत्री ने अपने विद्यार्थी जीवन का संस्मरण शिक्षकों से साझा करते हुए कहा कि एक शिक्षक चाहे तो वह विद्यार्थी की किसी भी विषय में रूचि जगा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे भी गणित विषय में कम रूचि थी और हमेशा कम अंक आते थे। फिर परीक्षाओं के कुछ महीने पहले एक शिक्षिका मेरे स्कूल में आईं। उन्होंने गणित में कमजोर विद्यार्थियों को अलग से कोचिंग दी। उनकी मेहनत से गणित में मेरी रूचि जागने लगी और पहली बार मुझे गणित में अच्छे अंक मिले। उन्होंने कहा कि मैं अपनी उन टीचर को कभी नहीं भूल सकती।

-शिक्षा में योगदान के लिए शिक्षक, जनप्रतिनिधि और अधिकारी सम्मानित
राजे ने इस अवसर पर 36 शिक्षकों को वर्ष 2018 के राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार, 33 अध्यापक एवं संस्था प्रधानों को श्री गुरूजी सम्मान तथा प्रशंसनीय कार्य के लिए 16 शिक्षकों को शिक्षक सम्मान प्रदान किए। उन्होंने जिला शिक्षा रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर चुरू जिला कलक्टर श्री मुक्तानंद अग्रवाल, हनुमानगढ़ कलक्टर श्री दिनेश चंद जैन तथा झुंझुनूं कलक्टर श्री दिनेश कुमार यादव सहित कुल 15 अधिकारियों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों के आधारभूत संरचना विकास में सर्वाधिक योगदान के लिए भीलवाड़ा के जिला प्रमुख श्री शक्ति सिंह हाड़ा, सीईओ श्री गजेंद्र सिंह, राजसमंद के जिला प्रमुख श्री प्रवेश कुमार सालवी, सीईओ श्री गोविंद सिंह राणावत, चुरू जिला प्रमुख श्री हरलाल सहारण तथा सीईओ श्री अशोक कुमार अशीजा सहित कुल 28 जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को सम्मानित किया।
राजे ने इससे पहले ईबीसी की 11 मेधावी छात्राओं को स्कूटी, 11 मेधावी छात्राओं को पद्माक्षी पुरस्कार में एक-एक लाख रूपये के चेक एवं स्कूटी, लैपटाॅप योजना मेें 11 मेधावी छात्राओं को लैपटाॅप, साइकिल वितरण योजना में 11 लाभार्थी छात्राओं को साइकिल, टीएडी स्कूटी वितरण योजना में 11 लाभार्थी छात्राओं को स्कूटी तथा देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण योजना में 11 मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्रशस्ति पुस्तिका, प्रायोगिक शिक्षा पर पुस्तक तथा शिविरा विशेषांक का भी विमोचन किया।

शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। प्रदेश में शिक्षा की जो गुणवत्ता बढ़ी है, उसके बाद अन्य राज्य भी प्रदेश के माॅडल को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रदेश में 1 लाख 27 हजार शिक्षकों को पदोन्नति दी गई है जो शिक्षा जगत के लिए गर्व की बात है।
इस अवसर पर पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, सांसद रामचरण बोहरा, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष प्रो. बीएल चैधरी तथा प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा श्री नरेश पाल गंगवार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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