रामदेवरा. जैसलमेर के रावदेवरा भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी 25 अगस्त से 641वें भादवा मेले विधिवत तौर पर आगाज होगा। लेकिन, भाद्रपद महीना शुरू होने के साथ ही यानी 10 अगस्त से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा की समाधि के दर्शनों के लिए आना शुरू हो गए। अभी रोजाना दो लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर रहे हैं। बाबा के दर्शन के लिए कोई पैदल तो कोई दंडवत धोक लगाते आ रहा है। किसी ने कंधे पर बाबा को चढ़ाने के लिए घोड़ा लिया है तो किसी ने हाथों में बाबा की नेजा (ध्वजा) थाम रखी है। डीजे पर नाचते श्रद्धालु बाबा के जयकारें लगाते हुए रामदेवरा पहुंच रहे हैं। समाधि समिति की माने तो 7 सितंबर तक चलने वाले मेले में करीब 60 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। मेले में राजस्थान के साथ गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, असम, बंगाल समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बाबा को कपड़े से बना घोड़ा चढ़ाने झालावाड़ से आए श्रद्धालु कैलाश (50) ने बताया-मैं 700 किलोमीटर पैदल चलकर रामदवेरा पहुंचा हूं। घोड़े का वजन मुझे याद नहीं है। बाबा से कोई मन्नत नहीं मांगी है, बस बाबा की समाधि के दर्शन करने आया हूं। उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रोसला गांव से बाबा की झांकी सजी गाड़ी कमर से बांधकर लाए श्रद्धालु राकेश राजपूत ने बताया-हम 26 जुलाई को बाबा की दूज पर घर से चले थे। 22 दिन पैदल चलकर 1200 किलोमीटर की दूरी तय की है। मेरे साथ दो लोग और है। हमने कोई मन्नत नहीं मांगी है, बस बाबा के दर्शन करने है। बाबा की कृपा से पूरा सफर सही से गुजरा। पैरों में छाले जैसी कुछ भी चीज नहीं हुई। गाड़ी में 22 दिन से अखंड ज्योत जल रही है। गुजरात के बड़ोदरा से पहली बार रामदेवरा समाधि के दर्शन करने आई श्रद्धालु ममता सिसोदिया ने कहा-मंदिर में दर्शनों के लिए की गई व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन अभी गर्मी बहुत है। बाबा से कोई मन्नत नहीं मांगी, बस बाबा के दर्शन की इच्छा थी, बाबा ने बुलाया और हम दर्शन के लिए आ गए। भादवा मेले के दौरान पंजाब के फ़जलिका से आए 280 सेवादार मेले में सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे है। इन सेवादारों को संभालने वाले अनिल ने बताया- मैं पिछले 11 साल से यहां आ रहा हूं। ये 12वां साल है। पंचायत ने सफाई के लिए एक जोन ठेकेदार को दिया है। बाकी हम सेवादार संभाल रहे हैं। हम यहां दिन में 3 समय सुबह, दोपहर और शाम को सफाई कर रहे हैं। हमारे साथ जो सेवादार है उनमें आधे, पुरुष और आधी महिलाएं है। जो बुजुर्ग महिलाएं है उनको रामसरोवर पर लगाया हुआ है। जवान सेवादारों को लाइनों के पास, वीआईपी रोड और पोकरण रोड़ पर लगाया हुआ है। हम 10 दिन के लिए सेवा करने आते है। समिति के व्यवस्थापक कमल छंगाणी ने बताया- मंदिर में 100 पुजारी 3 शिफ्ट में श्रद्धालुओं को दर्शन करवा रहे हैं। वर्तमान में बाबा रामदेव समाधि पर सुबह 4 बजे अभिषेक आरती, 8 बजे भोग आरती, शाम 4 बजे छोटी आरती, शाम 7.30 बजे बड़ी आरती और रात 9 बजे मंगल आरती की जाती है।
रोजाना 2 लाख लोग बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। अब तक 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर लिए हैं। व्यवस्थापक ने बताया-दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से बचाने के लिए समाधि समिति ने मंदिर के गेट से एक किलोमीटर लंबाई में टीन शेड लगाए हुए है। टीन शेड के नीचे हवा के लिए पंखे और पानी के लिए नल लगाए गए है। इस टीनशेड के नीचे नोखा चौराहे से मंदिर के गेट तक श्रद्धालुओं के लिए 6 लाइन बनाई गई है। मंदिर परिसर में इसकी संख्या 8 की गई है। इसके साथ ही भारी भीड़ उमड़ने के चलते रामदेवरा ग्राम पंचायत ने श्रद्धालुओं की कतारों के ऊपर दो अस्थाई पुलिया बनाई है। श्रद्धालु इनकी मदद से कतारों को पार रेलवे स्टेशन और पोकरण रोड की तरफ जा सकते है। पोकरण डीएसपी भवानी सिंह ने बताया- मेले में सुरक्षा के लिए समाधि समिति ने अपने स्तर पर भी व्यवस्था की है। समिति की ओर से मंदिर परिसर में 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए है। साथ ही 111 होमगार्ड और सुरक्षा कर्मचारी लगाए है। इसके अलावा, प्रशासन की ओर से 521 पुलिसकर्मी, आरएसी और यातायात पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। मंदिर परिसर के बाहर के क्षेत्र के लिए प्रशासन ने 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए है। इसके लिए वीआईपी रोड पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां से पुलिस और प्रशासन मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं मंदिर में लगे सीसीटीवी का कंट्रोल रूम मंदिर परिसर में ही बना हुआ है। पोकरण एसडीएम लाखाराम को मेलाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है। रामसरोवर तालाब पर एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है। 7 सूचना केंद्रों पर 50 टीचर ड्यूटी दे रहे है। जो मेले में भटकने वाले लोगों को परिवार से मिलाने का काम कर रहे हैं।


































