STRAWBERRY FARMING-UDAIPUR REGION
STRAWBERRY FARMING-UDAIPUR REGION
जयपुर। कृृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने ‘कृृषि बजट’ को प्रदेश में खेती-किसानी के क्षेत्र में एक नए युग की शुरूआत बताते हुए कहा कि राज्य बजट किसान-पशुपालक के कल्याण के साथ सभी वर्गों की उम्मीदें पूरी कर खुशहाली लाने वाला है।
कटारिया ने काश्तकारों की उम्मीदों, अपेक्षाओं और जरूरतों का पूरा ख्याल रखते हुए ‘कृृषि बजट’ पेश करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए कहा कि इससे प्रदेश में खेती-किसानी की स्थिति सुधरेगी और किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कृृषक साथी योजना की राशि ढाई गुणा बढ़ाकर 5 हजार करोड़ रुपए करते हुए किसानों से संबंधित योजनाओं को मिशन मोड पर लिया गया है। 2 हजार 700 करोड़ रुपए से ‘सूक्ष्म सिंचाई मिशन’ शुरू होने से 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। मांग के अनुरूप ड्रिप-स्पि्रंकलर, फार्म पोंड-डिग्गी निर्माण, संरक्षित खेती एवं सौर ऊर्जा पंप के लक्ष्यों में अच्छी वृद्धि से सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा। तारबंदी योजना में समूह की बाध्यता हटाने की लम्बित मांग को पूरा करते हुए इसका लक्ष्य 1 करोड़ 25 लाख मीटर करने से किसानों को आवारा जानवरों की समस्या से मुक्ति मिल सकेगी। साथ ही सिंचाई के लिए दिन में बिजली देने की बहुप्रतिक्षित मांग पूरी की गई है, जिससे किसानों को ठंड के मौसम में बड़ी राहत मिलेगी।
कृृषि मंत्री ने कहा कि संभाग स्तर पर जैविक प्रमाणीकरण लेब की स्थापना से जैविक खेती को कारगर ढ़ंग से बढ़ावा मिल सकेगा। किसानों को कृृषि यंत्रों पर 150 करोड़ की सब्सिडी, डेढ़ हजार कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना तथा 40 करोड़ रुपए से 1 हजार ड्रोन उपलब्ध कराकर किसानों तक नवीनतम कृषि तकनीक पहुंचाने का बेहतर प्रयास किया गया है। फल बगीचों की स्थापना के लिए अनुदान बढ़ाकर 75 फीसदी करने से काश्तकार इनकी ओर प्रेरित होंगे, जो उनकी आय बढ़ने का जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने लैंडलेस कृृषि श्रमिकों को हस्तचालित कृृषि यंत्रों पर अनुदान का प्रावधान कर एक संवेदनशील निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में अनुदान राशि 2 रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए प्रति लीटर करने से पशुपालकों को आर्थिक संबल मिलेगा। राज्य में नवीन पशु चिकित्सालय खोलने के साथ पशु अस्पतालों को क्रमोन्नत करने तथा मलसीसर (झुंझुनूं) में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय खोलने से पशुपालकों को बेहतर पशु चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। पशु बीमा से पशुपालकोंं को संकट के समय आर्थिक मदद मिल सकेगी। प्रत्येक जिले में टेस्टिंग लेब के साथ ऎगुलेटरी ऑथोरिटी गठित होने से अच्छी गुणवत्ता का पशु आहार मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। 10 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ ‘ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति’ लागू होने पर राज्य पशु ऊंट का पालन, संरक्षण और समग्र विकास संभव हो सकेगा।

LEAVE A REPLY