Ayodhya dispute

लखनऊ। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के 25 साल पूरे होने पर आज विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) समेत विभिन्न हिन्दू संगठनों ने जहां ‘शौर्य दिवस’ मनाया, वहीं मुस्लिम संगठनों ने ‘यौम-ए-ग़म’ मनाते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपे। विहिप ने अयोध्या समेत विभिन्न जिलों में शौर्य दिवस मनाया। अयोध्या के कारसेवकपुरम में आयोजित सभा में श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि अयोध्या में अस्थाई मंदिर बन चुका है, अब रामलला जल्द ही भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। उन्होंने राम मंदिर के लिये अनुकूल परिस्थितियां बनने का दावा करते हुए आशा व्यक्त की कि उपलब्ध साक्ष्यों और करोड़ों राम भक्तों की आस्था को ध्यान मे रखते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले का समाधान अवश्य कर लेंगे। महंत ने कहा कि वह अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन अदालत को भी बहुसंख्यकों की मांग का सम्मान करते हुये निर्णय दे देना चाहिए ।

अब इसका एक ही समाधान संसद के भीतर से ही निकलता दिख रहा है। उधर, मुस्लिम संगठनों ने बाबरी ढांचे को गिराए जाने के 25 बरस पूरे होने को ‘यौम-ए-ग़म’ के तौर पर मनाया। आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की अपील पर उसकी कार्यकारिणी के सदस्य मौलाना ख़ालिद रशीद फरंगी महली के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में माँग की गयी है कि बाबरी ढांचा गिराने से जुड़े जो मुकदमे लखनऊ की अदालतों में चल रहे हैं उन्हें भी जल्द से जल्द हल करवाने के लिए सीबीआई को आदेश दिये जायें। बाबरी ढांचा विध्वंस में सम्मिलित तमाम लोगों को देश के कानून के अनुसार सजा सुनिश्चित की जाए ताकि देश के संविधान और क़ानून पर मुसलमानों का भरोसा क़ायम हो। ज्ञापन में मांग की गयी है कि लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में जिन लोगों को बाबरी ढांचा गिराने का जिम्मेदार बताया गया है उन पर मुकदमे कायम किये जाएं। साथ ही सीबीआई को हिदायत दी जाए कि पूर्व में जिन लोगों पर षड़यन्त्र करने का इल्जाम समाप्त कर दिया गया था, अदालत में उनके विरूद्ध षड़यन्त्र रचने के आरोप का हलफ़नामा दाखिल किया जाए।

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