Gujarat Mission

नयी दिल्ली, केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ वामपंथी पार्टियों से संबद्ध100 संगठन सभी राज्यों की राजधानियों में23 मई को विरोध प्रदर्शन करेंगे। व्यापारी संगठनों की शीर्ष इकाई जन एकता जन अधिकार आंदोलन( जेईजेएए), किसान संगठन, कृषि श्रमिक, राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी, बैंक और बीमा कर्मी, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र, महिला, दलित, आदिवासी और पर्यावरणविद23 मई को विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। समन्वय समिति के सदस्य हन्नान मोल्ला ने बताया, “ किसानों, श्रमिकों और अन्य वर्गों के संघर्ष को आगे ले जाते हुए जेईजेएए ने केंद्र सरकार में राजग के चार साल पूरा होने के मौके पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।” मोल्ला ने कहा, “ 23 मई को जेईजेएए दिल्ली सहित अन्य राज्य की राजधानियों में लोगों को जुटाकर विरोध प्रदर्शन करेगा।”

उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दिन कई तरह के अभियान शुरू किए जाएंगे। इन अभियानों का लक्ष्य सरकार को उसकी‘ विध्वसंक’ नीतियों के प्रभावों और देश के लोगों खास तौर पर महिलाओं एवं युवाओं से झूठे वादे करके उन्हें धोखा देने के लिए जिम्मेदार ठहराना है। अखिल भारतीय किसान सभा केमुंबई मार्च की सफलता के बाद नेताओं को ऐसा लगता है कि सिर्फ वामपंथी संगठन ही भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों को लामबंद कर सकते हैं। अखिल भारतीय किसान सभा भी जेईजेएए का हिस्सा है। समन्वय समिति के सदस्य पी कृष्णप्रसाद ने कहा, “ हमने महाराष्ट्र में किसानों के मार्च के दौरान देखा था कि हम वामपंथी संगठन ही मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।”

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