nirmala sitharaman

jaipur. वित्त मंत्रालय सामाजिक-आर्थिक रूप से उपेक्षित वर्गों और हाशिए पर मौजूद लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्तीय समावेशन सरकार की एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है क्योंकि यह समावेशी विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गरीबों को उनकी बचत को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने के लिए मार्ग प्रशस्‍त करता है। साथ ही यह उन्‍हें गांवों में रहने वाले उनके परिवारों को आसानी से धन भेजने की सुविधा उपलब्‍ध कराता है जिससे उन्‍हें अपने परिवारों को अधिक ब्‍याज लेने वाले सूदखोरों के चंगुल से निकालने में मदद मिलती है। इसी प्रतिबद्धता के साथ शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) एक महत्वपूर्ण पहल है जो दुनिया में सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएमजेडीवाई की घोषणा की थी। 28 अगस्त को इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इस अवसर को एक दुष्चक्र से गरीबों की मुक्ति के एक जश्न के रूप में निरूपित किया था।

केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमजेडीवाई की छठी वर्षगांठ पर इस योजना के महत्व को दोहराया। उन्‍होंने कहा, प्रधानमंत्री जन धन योजना मोदी सरकार के जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद रही है। चाहे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो अथवा कोविड19 संबंधी वित्तीय सहायतापीएम-किसान, मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धिजीवन एवं  स्वास्थ्य बीमा कवर, प्रत्‍येक वयस्क को बैंक खाता प्रदान करने के लिए उठाया गया पहला कदम था जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।

वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस अवसर पर पीएमजेडीवाई के लिए अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में पीएमजेडीवाई  बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग प्रणाली के तहत लाई है। साथ ही इसने भारत के वित्तीय ढ़ांचे का विस्तार किया है और 40 करोड़ से अधिक खाताधारकों को वित्तीय समावेशन के दायरे में लाई है। इसके लाभार्थियों में से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकतर खाते ग्रामीण भारत से हैं। आज कोविड-19 के दौर में हमने डीबीटी में उल्लेखनीय तेजी और सहजता देखी है। इसने समाज के कमजोर वर्गों को सशक्‍त बनाने और उन्‍हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मदद की है। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि पीएम जन धन खातों के माध्यम से डीबीटी ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक रुपया निर्धारित लाभार्थी तक पहुंच जाए और उसमें कोई गड़बड़ी न होने पाए।”

 

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