जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह की मौत को चार दिन हो गए हैं। लेकिन परिजन उसके शव को नहीं ले रहे हैं। आनन्दपाल सिंह की पत्नी, मां, बेटी, मामा समेत उनके परिजन और शुभचिंतकों का कहना है कि जब तक आनन्दपाल सिंह एनकाउंटर की सीबीआई जांच समेत अन्य मांगे पूरी नहीं होती है, वे शव नहीं लेंगे।

परिजनों की सीबीआई जांच प्रमुख है, साथ ही दाह संस्कार में दोनों भाईयों की उपस्थिति के साथ आनन्दपाल सिंह की बेटी चीनू के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज नहीं करने की मांग भी है। सरकार और पुलिस मान रही है कि आनन्दपाल सिंह ने जवानों व अफसरों पर फायरिंग की, उसके बाद जवानों ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें आनन्दपाल सिंह मारा गया। जब सरकार-पुलिस मान रही है कि एनकाउंटर सही था और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया है तो परिजनों और हजारों की तादाद में बैठे एक समाज की मांग को मान लेने में कोई बुराई नहीं है।

अगर सीबीआई जांच व दूसरी मांगों से परिजन संतुष्ठ होकर आनन्दपाल सिंह का शव लेकर दाह संस्कार कर देते हैं तो चार दिन से शेखावाटी व दूसरे क्षेत्रों में व्याप्त तनाव खत्म हो जाएगा। सावरदा, रतनगढ़ और लाडनू में बैठे हजारो लोग अपने घर चले जाएंगे। अगर ऐसे ही परिजनों व पुलिस में विवाद चलता रहा तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार को चाहिए कि वे परिजनों व परिचितों से वार्ता करके उनकी मांगों को लेकर संतुष्ठ करे। वैसे गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया बयान भी दे चुके हैं कि वे किसी भी तरह की जांच को तैयार है। पुलिस ने सही एनकाउंटर किया है।

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